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अभियान चलाकर तलाशे जाएंगे कुपोषित बच्चे

अभियान चलाकर तलाशे जाएंगे कुपोषित बच्चे
Ramnath Vidrohi
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अभियान चलाकर तलाशे जाएंगे कुपोषित बच्चे

- जिलाधिकारी यशपाल मीणा ने अपने कार्यालय में आईसीडीएस के पदाधिकारियों के साथ बैठक की, कहा- जिले में कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं रहे इसके लिए चलेगा अभियान

वैशाली। 16 नवंबर

छह वर्ष से कम उम्र का कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं रहे इसके लिए जिले में अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए जिलाधिकारी यशपाल मीणा ने बुधवार को अपने कार्यालय में आईसीडीएस के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें उन्होंने बिहार सरकार से प्राप्त निर्देश के आलोक में कहा कि वैशाली जिला के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से उनके क्षेत्र में कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं रहे इसके लिये अभियान चलाया जाए। 

कुपोषित बच्चों का भौतिक सत्यापन सीडीपीओ खुद करेंगी

जिलाधिकारी ने कहा कि सबसे पहले वैसे बच्चों को चिन्हित कर एप के माध्यम से प्रोफाइलिंग करें और अति कुपोषित और अल्प कुपोषित की दो श्रेणियां बनाएं। इसके अगले चार दिनों तक अभियान चलाकर चिन्हित कर लेने की समयावधि निर्धारित की गई है। एक आकलन के मुताबिक जिले में 10098 सैम बच्चे और 14085 मैम बच्चे हैं। परंतु इसके भौतिक सत्यापन करने के लिए सभी सीडीपीओ को निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि सैम और मैम बच्चों का भौतिक सत्यापन सीडीपीओ खुद करेंगी। जिलाधिकारी ने कहा कि वे खुद एक-एक बच्चों को बुलाकर विका हाजीपुर में देखेंगे। चिन्हित बच्चों को निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन कराकर प्रतिदिन उनके ग्रोथ की मॉनिटरिंग की जाएगी। जिलाधिकारी ने सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर वजन मापी मशीन रखने एवं पोषण कार्ड देने का निर्देश दिया। 

प्राइवेट जगह चल रही आंगनवाड़ी केंद्रों में भी पोषण वाटिका लगाई जाए

जिलाधिकारी ने अपना आंगनवाड़ी अपना पोषण की समीक्षा की। इसके लिए पूर्व में आंगनवाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध जमीन पर सहजन समेत साग सब्जी लगाने और बच्चों के लिए भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गए थे। बैठक में बताया गया कि जिला तीन हजार से अधिक आंगनवाड़ी केंद्र हैं। जिसमें 565 अपने भवन में संचालित हो रहे हैं। वहां सभी जगह पोषण वाटिका लगाई गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्राइवेट जगह चल रही केंद्रों में भी पोषण वाटिका लगाई जाए। सभी आंगनवाड़ी का अपना भवन हो इसको लेकर जिलाधिकारी द्वारा अंचलाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर जमीन चिन्हित करने का निर्देश सभी  सीडीपीओ को दिया गया था, इसकी प्रगति की समीक्षा जिलाधिकारी ने की।