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Ramnath Vidrohi
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सरकारी अस्पताल में इलाज कराकरअमित ने जीता टीबी से जंग

- प्राइवेट इलाज के खर्च ने किया था परेशान
- सरकारी इलाज पर भरोसे के साथ किया नियमित दवाओं का सेवन

मोतिहारी। टीबी की बीमारी का होना शरीर के लिए कष्टदायक होता है, इसकी समय पर पहचान एवं इलाज बहुत आवश्यक है। समय पर सही तरीके से इलाज होने पर यह कष्टदायक नहीं होता है। यह कहना है टीबी के मरीज अमित का। शहर के हेनरी बाजार निवासी 35 वर्षीय अमित ने बताया कि आज से 6 माह पहले उसे कब टीबी हुआ पता नहीं चला। उसने बताया कि अचानक बुखार हुआ।  कई दवाएँ खाई पर बुखार नहीं उतरा। संबंधियों के कहने पर निजी चिकित्सकों के पास इलाज कराया। वहाँ निराशा हाथ लगी। निजी इलाज के दौरान बुखार तो ठीक हुआ परन्तु चिकित्सकों ने जांच व दवाओँ में काफी रकम खर्च करवा दिया।
अमित स्वास्थ्य में लगातार गिरावट से परेशान था। उसे अभी भी इलाज से संतुष्टि नहीं मिल पा रही थी। कई प्रकार की चिंता मन में बनी रहती थी। आखिरकार उसने सरकारी अस्पताल का रुख किया। वहाँ उसे डॉक्टरों ने टीबी की जाँच हेतु जिला यक्ष्मा केंद्र भेज दिया।  जाँच के दौरान अमित में टीबी की पुष्टि हुई।  अमित ने छः माह तक लगातार दवा का सेवन कर टीबी से जंग जीत हासिल किया। उसने बताया कि सरकारी अस्पताल में मुझे मुफ्त में टीबी की दवाएं तो मिली ही, साथ ही निक्षय पोषण योजना का लाभ मिला। इससे संतुलित भोजन करने में कुछ सहूलियत मिली।

सरकारी इलाज पर भरोसे के साथ किया नियमित दवाओं का सेवन:

हेनरी बाजार के निवासी व व्यवसायी अमित ने बताया कि सरकारी इलाज पर भरोसा के साथ नियमित दवाओं का सेवन कर खुद को टीबी से मुक्त कर लिया। अमित बताते हैं, अब लोगों को टीबी के लक्षण, जाँच व इलाज की जानकारी देकर जागरूक करता हूँ। ताकि अन्य लोग भी मेरी ही तरह पूर्णतः टीबी से मुक्त होकर सुख चैन पूर्वक जीवन बिता सकें।