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जाति आधारित गणना का जातिवार जारी रिपोर्ट पर आपत्ति

जाति आधारित गणना  का जातिवार जारी रिपोर्ट पर आपत्ति
Ramnath Vidrohi
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लोहार कल्याण समिति बिहार प्रदेश के अध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार शर्मा ने बिहार सरकार द्वारा जाति आधारित गणना 2022 का जातिवार जारी रिपोर्ट पर आपत्ति जताया है। रिपोर्ट में जातियों का संख्या या अनुपात जो बताया गया है वह कोड संख्या के आधार पर है।एक ही जाति का दो दो कोड जैसे हलवाई और कानू का अलग-अलग कोड तो वैश्य में कई जाति को मिलाकर एक ही कोड संख्या था। विदित हो कि लोहार जाति का मूल जाति के रूप में सूचीबद्ध नहीं करने और स्वतंत्र कोड नहीं होने के कारण बिहार के अधिकतर लगभग 80% लोहार ने गणना में भाग नहीं लिया विरोध किया।कोड संख्या 13 पर कमार (लोहार, कर्मकार) और 177 पर लोहारा, लोहरा था। ऐसे में जो गणना करवाया उसमें भी कुछ ने 13 पर तो कुछ ने 177 पर। ऐसे में बिहार सरकार को लोहार जाति का सही आंकड़ा संग्रहित नहीं हो पाया है। फिर भी बिहार सरकार ने लोहार का संख्या 0.065% बताया है। ऐसे में जो लोहार गणना में अपना विवरण नहीं दिया जाति नहीं बताया आखिर उसका विवरण कैसे प्राप्त हुआ। बिहार सरकार ने ही 2010/11 में हुए ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट के इथनोग्राफी रिपोर्ट में कराया जिसमें बिहार में लोहारा लोहरा नहीं पाया गया फिर 2022 में इनका संख्या कहां से आ गया। रिपोर्ट में कमार का संख्या नहीं बताया गया है और जबकि जाति आधारित गणना की सूची में 13 पर मूल जाति के रूप में था और व्राइकेट के लोहार की संख्या बताई गई है।जो समझ से परे है।
आंकड़े में यह भी बताया गया है कि 1931 में बंगाल, बिहार, उड़िसा एक राज्य था तो लोहार लगभग 1.3% था।अलग होने पर लोहार का संख्या घटा बिहार में।इसका मतलब है कि लोहार लोहारा लोहरा एक ही है तभी तो उड़िसा को अलग होने पर संख्या घटी है। क्योंकि उड़िसा, झारखंड में लोहारा लोहरा है लोहार सिर्फ़ बिहार में पाया जाता है। लोहार उस समय भी उसी भूभाग में थे जहां आज है। बिहार में कमार (लोहार, कर्मकार) का संख्या आंशिक है।मूल लोहार को बिहार सरकार कमार में जोड़कर कमार (लोहार कर्मकार) में जबरन समाहित करना चाहती है। इसलिए लोहार गणना में भाग नहीं लिया। ऐसे में लोहार का संख्या या अनुपात का आंकड़ा सही नहीं है।कमार का संख्या और अनुपात नहीं बताया गया है इससे साफ होता है कि लोहार ही मूल जाति है।
ऐसे में बिहार सरकार से मांग है कि आप लोहार को मूल जाति मानें जबरन कमार में समाहित करके लोहार का अस्तित्व मिटाने का कुचक्र नहीं रचें।
लोहार समाज का गणना शत प्रतिशत नहीं हुआ है। ऐसे में लोहार का संख्या संदेहास्पद है। लोहार किसी भी सूरत में कमार का उप जाति होना स्वीकार नहीं करेगा।
  बैठक में मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष राधेश्याम ठाकुर , नगर अध्यक्ष शिवप्रसाद शर्मा , रमेश ठाकुर , अरुण कुमार शर्मा, अरुण कुमार ठाकुर, उमेश शर्मा, दिनेश ठाकुर, दयालु शर्मा, रामाधार ठाकुर, रामनाथ ठाकुर, अनील कुमार ठाकुर आदि मौजूद थे।          धर्मेन्द्र कुमार शर्मा
                      अध्यक्ष