Ramnath Vidrohi
Views: 315
कविता
....................................
जय जवान और जय किसान
के नारों से गूँजा भारत ,
आदर का वो भाव जगा कि
जन जन ने पूजा भारत ,
लाल हुये जब लाल के जैसे
माँ भारती हर्षाई ,
प्रेम स्नेह व ममता सब कुछ
इन पर ही तो वर्षाई ,
जोश भरी थी होश खरी थी
कहा उठो भागो दौड़ो,
सुनो देश के प्यारों अब तुम
मरो नही इनको मारो,
शत् शत् नमन करें हम उनको
उनका ही सम्मान करे,
उनसे जीवन जीना सीखे और
उन पर अभिमान करे ,
जीये सदा जो देश की खातिर
और फना जो हुए यहाँ,
अभिनंदन है उन माँओं का
ऐसे लाल को जना यहाँ ,
अर्पण तर्पण अभिनंदन हो
कण कण का जयकारा हो ,
अलख जगाओ अलख जगे अब
जय हिन्द का नारा हो ।
करुणा कलिका
बोकारो स्टील सिटी-झारखंड