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सौतिनिया इनडा( कुआ )

 सौतिनिया इनडा( कुआ )
Ramnath Vidrohi
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: सौतिनिया इनडा(कुआ )
निर्माण ..दाई सौ वर्ष पहले !
लोकेसन ...वैशाली जिले के जंदाहा प्रखंड के शाहपुर गांव !(बिहार )india..
अभी पुरे देश में ठाकुर का कुआ की चर्चा है !राजद राज्य सभा सांसद ने महिला आरक्षण बिल पर अपने भाषण में ओमप्रकाश वाल्मीकि रचित कविता ठाकुर का कुआं का पाठ किया !इसपर हंगामा ठाकुरों द्वारा किया जाने लगा !इसमें बाहुबली से नेता बने पूर्व सांसद आनंद मोहन कूद पड़े और अपनी भाषा में मनोज झा को खड़ी खोटी सुनाई !कुछ जिम्मेवार लोगों ने गर्दन काटने जीभ काटने की भी धमकी दे डाली !राजद ने इसे गंभीरता से लिया और इसकी शिकायत गृह मंत्री से करते हुए मनोज झा की सुरक्षा प्रदान करने की मांग करदी !अभी भी मनोज झा को तरह तरह की कहानी कविता के माध्यम से प्रताड़ित करने का सिलसिला जारी है !
वाल्मीकि जी की कविता हो या मुंशी प्रेमचंद की ठाकुर का कुआं जिस समय यह लिखी गयी लेखकों ने उस समय समाज में जो बित रहा था उसका वर्णन है !ठाकुरों द्वारा किये गए अत्याचार की ही कहानी है !सच्चाई तो स्वीकारना होगा आप इतिहास को नहीं झुठला सकते !जिस समय यह लिखी गयी उस समय विरोध नहीं हुआ ,क्या समझदार ठाकुरों की कमी थी !इस विवाद के बिच मुंशी प्रेमचंद की ठाकुर का कुआं कहानी पर बनी सिरियल को किसी ने वायरल कर दिया !फिल्म की प्रस्तुतिकरण देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं ! कितनी अत्याचार सहनी पड़ी एक लोटा पानी के लिए ?अपने बीमार पति को दवा खिलाने के लिए एक लोटा पानी ही तो चाह रही थी !फिर दृश्य बदलती है !मजदूरों का बिना पैसे लिए काम करने से इंकार !ठाकुर का दिखावे के लिए सयम बरतना लेकिन कुआं में मरे हुए जानवर को फेकवाना !अपने कुआं पर पहरा लगाना !दलितों को एक लोटा पानी के लिए तरसाना !अपने बीमार पति को दवा खिलाने के लिए परिस्थिति वश एक लोटा पानी चुराने के लिए ठाकुर के कुआं पर गयी पर सफल नहीं हुई !घर भागकर आयी तो देखा पति उसी सरास बदबू भरी पानी से दवा खा रहा है !
मनोज झा ने कविता पढ़ी ..खेत ठाकुर का ....उस समय की व्यथा को दर्शाता है ,बबाल अब हुआ !हद हो गयी !खैर
अब आईये सौतिनिया इनडा (कुआं )की निर्माण यादव परिबार ने किया लगभग ढाई सौ वर्ष पहले !यहाँ दस फ़ीट की दूरी पर दो कुआं है !पुराने कुआं दोनों है !पहले वाली से दस फ़ीट की दूरी पर दूसरा कुआं है जो उसी समय कुछदिन बाद निर्माण !हुआ दोनों कुआं के निर्माता आपस में भाई ही थे !दोनों परिवार का अभी अलग अलग घर है ,लेकिन कुआं निर्माण करने वालों का नाम किसी को नहीं मालुम !बताते हैं की लगभग चार पुस्त पहले की बात है !!
वर्तमान में एक निर्माणकर्ता के खानदान में प्रगास राय (यादव )और इनका भरा पूरा परिवार है !दूसरे  निर्माणकर्ता के खानदान  में विलास राय का भरा पूरा परिवार है !
गाँव के अगल बगल के लोगों से कोई विशेष जानकारी नहीं मिला lलेकिन कुआं के समीप ही वही के एक व्यक्ति मुसाफिर राय मिले !उन्होंने दोनों परिवारों का घर दिखाया तथा बताया की दोनों कुआं का निर्माण दो भाईयों ने किया !उनकी जानकारी के अनुसार यह कुआं दो से ढाई साल पहले लगभग चार पुस्त पहले ,उस समय एक ही कुआं था !होली के समय सभी होली मना रहे थे किसी बात पर दोनों भाईयों में बोलचाल और झगड़ा हुआ इसके केंद्र में कुआं ही था !वर्तमान के विलास राय के खानदान बाले भाई ने उसी समय दस बारह गज हटकर कुआं का निर्माण शुरू किया ,लगातार छह घंटे में कुआं से पानी निकलना शुरू हुआ !तबसे दोनों भाईयों द्वारा निर्मित यह कुआं सौतिनिया इनडा (कुआं )के नाम से मशहूर हुआ !इस कुआं में उस समय से ही सब लोगों को पानी भरने की आजादी है !आने जाने वाले राहगीर अगल बगल के लोग हाल के वर्षों तक पानी भरते थे !लेकिन जीर्ण शीर्ण रखरखाव के कारण यह उपेक्षित रहा !इसे देखने लोग बराबर आते हैं और जानकार लोग जब रोड में लगी बोर्ड सौतिनिया इनडा देखते है तो रुक जाते हैं और बहुत लोग देखकर जाते हैं !
इधर इस कुआं की मरम्मति ,चबूतरा का निर्माण संभवतः पंचायत निधि से किया गया है यहाँ नलजल की पानीटंकी ,खूबसूरत एक भवन का निर्माण कराई गयी है ! साफ़ सफाई का ध्यान रखा गया !एक साल पहले 
उपेक्षित था ,जमींन से सटा हुआ कुआं था ,कोई आकर्षण नहीं ,अब रंग रोगन होने से आकर्षक लग रहा है !
यहाँ के यादव भी सबल थे चाहते तो दूसरों को पानी पर रोक लगा सकते थे लेकिन सामाजिक परिवेश में रहकर सबों को पानी भरने की छूट दी !
हमने कई बार उस रास्ते से गया एक साल पहले भी रूककर पता किया बहुत कम 
पुरुष मिले महिलायें कुछ बता नहीं पायी !
एक अक्टूबर 23को वहा गया आमने सामने देखा कोई नहीं मिला ,एक घर के दरबाजे में झंककर देखा कोई पुरुष नहीं महिलायें घर के अंदर थी !इसी बीच मुसाफिर राय आये उनसे  बातचीत करनी चाही ,वे कतरा रहे थे कैमरा पर बोलना  नहीं चाहते थे लेकिन ऐसे बात  करने को तैयार हुए और जितनी जानकारी उनके पास थी हमे बताया !इस बार वहा जाना सफल हुआ !
एक बात और जैसा की इस कुआँ का नाम है सौतिनिया इनडा जो स्थानीय बज्जिका भाषा है !हिंदी में इसे "सौतन का कुआं" कहेंगे !हमारी समझ में पहले यह बात थी की शायद एक पति को दो बीबी होगी आपस में दोनों पानी के लिए झगडा की होगी तो पति ने दूसरा कुआं खुदवाकर झगड़ा शांत किया होगा !लेकिन यह नाम क्यों पड़ा इसकी खुलासा दूसरे एपिसोड में अवश्य करूंगा !कुछ भी हो यह एक धरोहर है !बिलकुल रोड( जंदाहा -कुशहर -महुआ रोड )से सटा !यहाँ एक भव्य गेट बनाकर आकर्षक लुक दिया जा सकता है !पंचायत निधि से ना हो तो विधायक निधि से इसे बनाया जा सकता है !यही  से विधायक श्री लखेंद्र पासवान रौशनजी (BJP)का घर है !उनसे मदद ली जा सकती है "!
इस कुआं पर मेरा ध्यान ठाकुर का कुआं से उपजे विवाद के कारण गया !लेकिन यहां की स्थिति पूर्व में भी और आज भी अलग है !
आलेख ..रामनाथ विद्रोही 
मुसाफिर राय से बातचीत के आधार पर !!