Ramnath Vidrohi
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लंगट सिंह कॉलेज के उर्दू विभाग के पूर्व प्राध्यापक और जाने माने विद्वान प्रो नजमुल होदा के निधन पर शोकसभा आयोजित की गयी. वक्ताओं ने प्रो होदा
के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला तथा उनसे जुड़ी यादें साझा की. अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो ओमप्रकाश राय ने कहा की प्रो नजमुल होदा न सिर्फ उर्दू के बल्कि अरबी, फारसी और इंग्लिश के भी प्रख्यात विद्वान थे. प्रो होदा 1963 में बीपीएससी द्वारा एलएस कॉलेज में प्राध्यापक नियुक्त हुए फिर मद्रास यूनिवर्सिटी और बिहार यूनिवर्सिटी पीजी विभाग के अध्यक्ष तथा मानविकी के डीन भी रहे. मद्रास यूनिवर्सिटी में प्रो होदा 1977 से 1988 तक उर्दू,अरबी और फारसी तीनों विभाग के हेड रहे. प्रो राय ने कहा कि प्रो होदा एलएस कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र भी थे. प्रो राय ने कहा कि वे सादगीपूर्ण एकाकी जीवन व्यतीत कर अनवरत साहित्य साधना में तल्लीन रहे. उनकी साहिल ए मद्रास, मासनवी का फन, किरदार और किरदार निगारी, आरजू ए गुमनामी कुछ अद्भुत साहित्यिक कृतियां हैं. प्रो राय ने कहा कि आज के चमक दमक से दूर अध्ययन अध्यापन में खुद को समर्पित करने वाला उनका व्यक्तित्व सबको प्रेरित करने वाला है. शोक सभा में श्रद्धांजलि देने वालो में प्रो राजीव कुमार, प्रो राजीव झा, डॉ दिलीप कुमार, डॉ सनम, डॉ नवीन कुमार, डॉ ललित किशोर,सुधीर कुमार, ऋषि कुमार, सत्येंद्र कुमार आदि शामिल रहे।