Monday, Jun 23, 2025 | Time 05:00 Hrs(IST)
 logo img

एमएमडीपी किट के उपयोग से फाइलेरिया ग्रसित अंगों के सूजन में मिलता है लाभ- डॉ शर्मा

एमएमडीपी किट के उपयोग से फाइलेरिया ग्रसित अंगों के सूजन में मिलता है लाभ- डॉ शर्मा
Ramnath Vidrohi
Views: 135

एमएमडीपी किट के उपयोग से फाइलेरिया ग्रसित अंगों के सूजन में मिलता है लाभ- डॉ शर्मा

-50 फाइलेरिया मरीजों के बीच हुआ किट वितरण, स्वास्थ्य कर्मियों ने बताए देखभाल के तरीक़े

मोतिहारी, 16 जून। फाइलेरिया रोग को हाथीपाँव के नाम से जाना जाता है। यह क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इस बीमारी से संक्रमित होने के बाद लोगों में कई वर्ष के बाद यह हाथीपांव, बढ़े हुए हाइड्रोसील, महिलाओं के स्तनों में सूजन इत्यादि के रूप में लक्षण दिखाई देता है। यह रोग एक बार हो जाने पर फिर जीवन में पूर्ण रूप से कभी ठीक नहीं होता है। लेकिन समय समय पर चिकित्सकों की सहायता व देखरेख के द्वारा इसके स्वरूप को बिगड़ने से रोका जा सकता है। यह कहना है जिले के डीभीबीडीसीओ डॉ शरत चंद्र शर्मा का। उन्होंने बताया कि एमएमडीपी किट के उपयोग से ( हाथी पाँव ) फाइलेरिया ग्रसित अंगों के सूजन में लाभ मिलता है।

50 फाइलेरिया मरीजों के बीच हुआ किट वितरण:

तुरकौलिया प्रखंड में 50 फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अर्जुन कुमार गुप्ता ने बताया कि फाइलेरिया की बीमारी में शरीर अपंग की तरह हो जाता है। वहीँ उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मरीजों की देखभाल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रखंड एवं जिला स्तर पर कैंप लगाकर समय समय पर फाइलेरिया के रोगियों के बीच एमएमडीपी किट मुफ्त में वितरण के साथ ही इसके उपयोग के तौर तरीके भी सिखाए जाते हैं।भीबीडीएस ओमकारनाथ व  केयर बीसी सुमित कुमार ने बताया कि किट के प्रयोग से फाइलेरिया मरीजों को काफी राहत मिलती है। उन्होंने बताया कि किट में एक छोटा टब, मग, साबुन, एंटी सैप्टिक क्रीम, पट्टी इत्यादि सामान होते हैं। इसके सहयोग से फाइलेरिया मरीज अपने जख्म को ठीक कर सकते हैं।

अभियान के तहत मिलने वाली दवा सेवन कर हो सकते है फाइलेरिया से सुरक्षित:

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अर्जुन कुमार गुप्ता ने बताया कि एमडीए अभियान के दौरान निःशुल्क मिलने वाली सर्वजन दवा का  सेवन कर फाइलेरिया के प्रति सुरक्षित हो सकते हैं। उन्होंने  कहा कि  फाइलेरिया के मच्छर गंदगी में पैदा होते हैं। इसलिए इस रोग से बचना है, तो आस-पास सफाई रखना जरूरी है। दूषित पानी, जमे पानी पर कैरोसीन तेल छिड़क कर मच्छरों को पनपने से रोकें, सोने के समय मच्छरदानी का उपयोग जरूर करें।