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वैशाली लोक सभा...एक सीट पर दर्जनों नेता दावेदार !

   वैशाली लोक सभा...एक सीट पर दर्जनों नेता दावेदार !
Ramnath Vidrohi
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      वैशाली लोक सभा...एक सीट पर दर्जनों नेता दावेदार !                                                                                                       
 बिहार के राजनितिक जमात के  आयोजनों में पूर्व सांसद वृष्ण पटेल को "पटेल साहब "कह कर सम्मान दिया जाता है.यह सम्मान उनके मामा ,जो बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्री कृष्ण सिंह के काफी करीबी स्वर्गीय  बीर चंद पटेल को भी प्राप्त था,उनके दोस्त बाबु सत्येन्द्र नारायण सिंह उन्हें बीरू और आम लोग पटेल साहब कहते.कांग्रेस नेता एल पी  शाही [जिनकी आज पुन्य तिथि है]उन्हें पटेल साहब बुलाते.इसी हफ्ते मैं गोरौल गया था ,वहाँ वृष्ण पटेल जी मिले.वो अपने भाषण में कह रहे थे ,मैं जब बिहार का शिक्षा मंत्री था ,मेरे कार्यकाल में बिहार में ५ लाख शिक्षकों की बहाली हुई.अगले वर्ष मई -जून महीने में लोक सभा चुनाव होंगे.वृष्ण पटेल जी की सक्रियता को चुनावी सक्रियता मान कर हम चल सकते हैं.वृष्ण पटेल जी १९९६ में वैशाली लोक सभा चुनाव काफी मुस्तैदी से लड़े ,लेकिन पराजित हो गए.उसकी एक बड़ी वजह थी कांग्रेस के कद्दावर नेता रघुनाथ पाण्डेय कांग्रेस से उम्मीदवार थे और समता पार्टी का आधार वोट पटेल जी और पाण्डेय जी के बीच बंट गया था जिसका फायदा राजद उम्मीदवार रघुवंश प्रसाद सिंह को मिल गया.रघुवंश प्रसाद लम्बे समय तक सांसद रहे,लेकिन राम विलास पासवान की चाणक्य निति भारी पड़ी और रामा सिंह सांसद हो गए.गणतन्त्र की जननी वैशाली लोक सभा क्षेत्र के वैशाली विधान सभा क्षेत्र में वृष्ण पटेल का पैत्रिक घर है.१९८५ मेंजब वृष्ण पटेल पहली बार विधायक बने उनका नाम कांग्रेस और लोक दल दोनों दलों की उम्मीदवारी सूचि में था ,लेकिन पटेल साहब लोक दल से लड़े और विधायक बने.पटेल साहबसाहेबगंज के तुलसी राय को भाजपा विधायक राजू सिंह द्वारा अगवा किये जाने की घटना के बाद खुल कर बोले और तुलसी राय के घर पर जाकर ढाढस बढाया.कल ८ जून को पटेल साहब साहेब गंज आये,उन्होंने कहा की नीतीश कुमार ही प्रधान मंत्री बनेंगे और देश को स्भालेंगे.मतलब साफ़ है पटेल साहब फिर वैशाली लोक सभा चुनाव लड़ेंगे. महा गठ्बन्धन के लिए पटेल साहब मजबूत उम्मीदवार होंगे.मुझे याद आता है जब मुजफ्फरपुर से डॉ हरेन्द्र कुमार और वैशाली लोक सभा क्षेत्र से वृष्ण पटेल उम्मीदवार थे.दोनों चुनाव क्षेत्रों में समता पार्टी और लालू जी के उम्मीदवारों में जबरदस्त टक्कर थी.लेकिन कैप्टन जय नारायण निषाद मुजफ्फरपुर से जीते और रघुवंश प्रसाद सिंह वैशाली से.राजद नेता तुलसी राय को अगवा किये जाने से पैदा हुए राजनैतिक विवाद से भाजपा विधायक की लोक सभा उम्मीदवारी की दावेदारी कम जोर हुई.अब भाजपा में कई दावेदार है भाजपा नेता डॉ आशिक शर्मा,जिला अध्यक्ष रंजन कुमार और पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा एन डी ए से मजबूत दावेदार हैं.वैशाली लोक सभा क्षेत्र से चुनाव हारने के बाबजूद रघुवंश बाबु रेल के तःरव,वैशाली से पटना के बीच सीधी रेल सेवा शुरू किये जाने के पिए एल मंत्रालय से पत्राचार करते थे.हो सकता है लोक सभा चुनाव से पहले रघुवंश बाबु के पुत्र को विधान परिषद में भेज कर महा गठ्बन्धन नया दाव खेल सकती है..वैसे वैशाली चुनाव क्षेत्र में बिछी शतरंज की बिसात के शिकार कई राजनितिक होंगे,कुछ के उम्मीदवारी की आश टूटेगी और कुछ बेटिकट होंगे.