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दलित महिलाओं पर पातेपुर पुलिस के हमले के विरोध में प्रतिवाद मार्च,5 जून को प्रतिवाद सभा

दलित महिलाओं पर पातेपुर पुलिस के हमले के विरोध में प्रतिवाद मार्च,5 जून को प्रतिवाद सभा
Ramnath Vidrohi
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दलित महिलाओं पर पातेपुर पुलिस के हमले के विरोध में प्रतिवाद मार्च,5 जून को प्रतिवाद सभा 




हाजीपुर(वैशाली)भाकपा माले ने पातेपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 9 में दलित महिलाओं पर पुलिस हमले के खिलाफ प्रतिवाद मार्च किया।भाकपा माले निर्दोष महिला,पुरुषों,बच्चों की पिटाई और गिरफ्तारी के खिलाफ 5 जून को पातेपुर नगर में प्रतिवाद सभा आयोजित करेगी।हाजीपुर शहर के रामचौरा स्थित पार्टी कार्यालय में भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने पातेपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 9 में महादलित टोले मे पुरुष,महिला,बच्चों और बुजुर्गों की पातेपुर पुलिस द्वारा बर्बर पिटाई और गिरफ्तारी के खिलाफ प्रतिवाद मार्च और सभा किया गया।माले राज्य कमेटी सदस्य और किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव,किसान महासभा के जिला सचिव सरपंच गोपाल पासवान,महिला नेत्री मिथिलेश देवी,जिला कमेटी सदस्य और खे ग्रामसके जिला संयोजक रामबाबू भगत,पातेपुर प्रखंड कमेटी सदस्यों लालबाबू मंडल, सुरेंद्र कुमार सुमन,गंगा प्रसादमंडल,शिकारी राय, रामसेवक मंडल,आनंद कुमार राय उर्फ खोखा राय सहित अन्य ने प्रतिवाद मार्च करते हुए कहा कि पातेपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 9 स्थितमहादलित टोले मे 21 मई की शाम 7 बजे सैकड़ों की संख्या में पातेपुर थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस वालों ने भारी उत्पात मचाया,घरों में घुसकर महिलाओं,छोटी उम्र की लड़कियों, को भी पुरुष पुलिसकर्मी ने बेरहमी से पिटाई किया।6 बजे शाम के बाद महिलाओं को गिरफ्तार न करने का कानून रहने के बावजूद महिलाओं और छोटी बच्चियों को भी पीटते,घसीटते हुए साथ में पुरुषों को भी गिरफ्तार किया। नेताओं ने कहा कि पातेपुर पुलिस ने इन महिलाओं और लड़कियों पर भी पुलिस पर हमला करने का आरोप लगाया है।अगर उनका आरोप सही भी हो तो घरों में घुसकर और थाना के बंदी हाजत से निकालकर महिलाओं,छोटी उम्र की लड़कियों और पुरुषों को भी बेरहमी से पिटाई करने का अधिकार पुलिस वालों को कौन कानून देता है।यदि पुलिस सजा देने के लिए अधिकृत है तो अदालत की क्या जरूरत है।इस संबंध में भाकपा माले जिला सचिव योगेंद्र राय, प्रखंड सचिव उमेश राय,भाकपा माले नेता भिखारी प्रसाद सिंह ने पातेपुर का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मिलने का प्रयास किया परंतु पुलिस आतंक के कारण संपूर्ण गांव के घरों में ताला लटका हुआ मिला। स्थानीय लोगों से जानकारी मिली की सामाजिक पंचों ने उसी टोला के महेश राम जिनकी पत्नी मीरादेवी ने पंचो को गाली दिया और गोली मरवाने,पुलिस से झूठा केस करके गिरफ्तार करवाने की धमकी दिया।उसके यहां श्राद्ध कर्म का भोज खाने से इनकार किया। जबकि महेश राम के छोटे भाई द्वारा श्राद्ध कार्यक्रम करने पर भोज खाने की सहमती दी।इसी खुन्नस में पुलिस ने इस बर्बर घटना को अंजाम दिया।लोकतांत्रिक देश में किसी के यहां भोज नहीं खाने पर पुलिस को पिटाई करने या गिरफ्तार करने का अधिकार कतई नहीं दिया जा सकता है।संविधान आत्मरक्षा का अधिकार हर किसी को देता है।हो सकता है कि जिस समय ग्रामीणों की पिटाई पुलिस कर्मियों द्वारा की जा रही थी। ग्रामीणों ने भी प्रतिवाद किया होगा।भाकपा माले ने इस संपूर्ण पुलिस दमन की घटना का उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषी पुलिसकर्मियों पर कानून सम्मत कार्रवाई करने की मांग राज्य सरकार से की है।मालेनेता ने कहा कि इस घटना की सूचना राज्य सरकार को भी दी जाएगी।पातेपुर की पुलिस राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए भाजपाइयों के उकसावे पर जन दमन पर उतर आई है।जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा