Ramnath Vidrohi
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मुजफ्फरपुर।
भारत का संविधान दुनिया का सबसे खूबसूरत संविधान है. डॉ भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि संविधान चाहे कितना भी सुंदर क्यों न हो, यदि उसे लागू करने वाला ईमानदार व अच्छा व्यक्ति नहीं होगा, तो लोकतंत्र मजबूत नहीं हो सकता है. आज उनकी बातें सही साबित हो रही हैं. उन्होंने कहा कि आंबेडकर भारत के एकमात्र ऐसे विद्वान नेता थे, जिन्होंने श्रमिकों, स्त्रियों और दलित-पिछड़ों को अधिकारसंपन्न बनाने के लिए अनवरत संघर्ष किया. उन्हें संविधान में समता, स्वतंत्रता व न्याय के साथ ही कमजोर वर्गों को आरक्षण देने की व्यवस्था की. उर्मिलेश ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था तभी मजबूत होगी, जब सामाजिक-आर्थिक विषमता को कम किया जायेगा और प्रेस स्वतंत्र होगा.
ये बातें बिहार विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में आंबेडकर जयंती समारोह समिति के बैनर तले आयोजित एकदिवसीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए बहुजन चिंतक व वरिष्ठ लेखक उर्मिलेश ने कहीं. उन्होंने कहा कि आंबेडकर को इतिहास ने भुला देने की कोशिश की, उनके चिन्तन-दर्शन व लेखन को सालों तक दबा कर रखा गया, लेकिन समय के साथ आंबेडकर का महत्व भारत ही नहीं, पूरी दुनिया ने समझा. उर्मिलेश ने आगाह किया कि आंबेडकर के विचारों और उनके संविधान को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है. कुलपति प्रो. शैलेंद्र चतुर्वेदी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि डॉ. आंबेडकर का व्यक्तित्व इतना विराट है कि उसे समग्र रूप में समझने के लिए गहरी दृष्टि की जरूरत है. आपसी कटुता दूर करके ही बाबासाहेब के समग्र चिंतन, जीवन-संघर्ष व विचारों को विमर्श के केंद्र में ला सकते हैं.
संगोष्ठी को प्रति कुलपति प्रो. रविंद्र कुमार, डीएसडब्ल्यू डॉ. अभय कुमार सिंह, सीसीडीसी अमिता शर्मा, विकास पदाधिकारी प्रो. पंकज कुमार, कॉलेज इंस्पेक्टर प्रो. प्रमोद कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित किया. विषय प्रवेश कुलानुशासक प्रो. अजीत कुमार ने कराया है. मंच संचालन पूर्व उप-कुलपति उमेश कुमार दास एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. बिनोद बैठा ने किया है.
इस मौके पर प्रो. प्रेमानंद, प्रो. आले मुस्ताफ़ा, प्रो.रवि कुमार, प्रो.आरपी यादव, प्रो. सुधा कुमारी, प्रो. विजय कुमार, प्रो. संजय कुमार सुमन, प्रो. पंकज राय, प्रो.कुसुम कुमारी, प्रो. बीरेंद्र चौधरी, प्रो.रेवती रमण, डॉ.राकेश रंजन, डॉ. सुशांत कुमार, डॉ. उज्ज्वल आलोक, डॉ. संध्या पांडेय, डॉ. राजीव कुमार, डॉ. संतोष सारंग, डॉ. दिलीप कुमार यादव, डॉ. पंकज कुमार राय, डॉ. ज्ञानप्रकाश, डॉ. बादल कुमार, डॉ. उपेंद्र प्रसाद, डॉ. ललित कुमार मंडल, शशि पासवान, रामचरित्र पासवान, डॉ. उमेश प्रसाद शर्मा, डॉ.प्रमानन्द लाल, डॉ. गोविंद कुमार जालान, डॉ. अनिता कुमारी, डॉ. जफर इमाम, डॉ. नीलांबरी गुप्ता, डॉ. राजेश्वर कुमार यादव, डॉ. अल्पना ज्योति, राजेश कुमार, शिवजी ठाकुर, डॉ.शाइना हयात, डॉ. रमेश विश्वकर्मा, डॉ. अलका जायसवाल, रामकुमार, एसएनचक्रवर्ती, गौरव कुमार, राघवेंद्र कुमार, अमित कुमार, अजय कुमार, मुन्ना सिंह यादव, महिपाल कुमार आदि मौजूद थे.