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जागरूकता से होगी डेंगू के मामलों में कमी-सिविल सर्जन

जागरूकता से होगी डेंगू के मामलों में कमी-सिविल सर्जन
Ramnath Vidrohi
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जागरूकता से होगी डेंगू के मामलों में कमी-सिविल सर्जन
 
-डेंगू को लेकर सावधानी बरतनी जरूरी- डॉ शरत चन्द्र शर्मा 
-जिले के सभी पीएचसी पर राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
- डेंगू के लक्षणों व उससे बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है
- सुबह के समय ही ज्यादातर काटते डेंगू के मच्छर
-जिले में  2022 में मिले थे 208 मरीज, 2023 में नहीं मिले हैं एक भी मरीज

मोतिहारी,16 मई। राष्ट्रीय डेंगू दिवस के मौके पर जिले के चकिया, मेहसी, तुरकौलिया, बंजरिया, मोतिहारी के स्वास्थ्य केंद्रों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस दौरान डीभीबीडीसीओ डॉ शरत चँद्र शर्मा ने  बताया कि बरसात के मौसम में ज्यादातर डेंगू के मामले देखे जाते हैं। मादा एडीज़ मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है। इससे बचने के लिए लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने बताया कि यह मच्छर अधिकांशतः दिन में काटता है। यह स्थिर एवं साफ पानी में पनपता है। इसके काटने के कारण तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो सतर्क हो जाएं। त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, काला पखाना होना आदि डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल सरकारी अस्पताल जाएं और अपना इलाज करवाएं। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है। 

जागरूकता से होगी मामलों में कमी:

जिले के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि डेंगू के मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाते है। इंसान के घुटने के नीचे तक ही पहुंच पाते हैं। इसलिए शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े ही पहनने चाहिए ताकि मच्छर से बच सकें।  डेंगू के मच्छर गंदी नालियों में नहीं बल्कि साफ सुथरे पानी में पनपते हैं। साफ सुथरे शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को भी इसका खतरा रहता है। सीएस ने बताया कि डेंगू रोग के बारे में जागरूकता से इसके मामलों में कमी आएगी। लोग ड़ेंगू मच्छर के काटने से बचेंगे। वहीं लक्षण दिखाई होने पर इलाज कराकर सुरक्षित रह सकेंगे। उन्होंने बताया कि ड़ेंगू के मामले दिखाई पड़ने पर सरकारी स्तर पर इसके इलाज की व्यवस्था उपलब्ध है। 

जिले में 2022 में मिले  थे 208 मरीज:

जिले में 2022 में 208 मरीज मिले थे। जिनमें सर्वाधिक मोतिहारी शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में 93, रक्सौल में 31,रामगढ़वा में 10 मरीज मिले थे। वहीँ 2023 में डेंगू के एक भी मरीज नहीं हैं। भीडीसीओ रविंद्र कुमार व धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर डेंगू प्रभावित ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एवं शहरों में नगर परिषद, नगर निगम द्वारा प्रभावित स्थानों पर फॉगिंग कराई जाती है। ताकि डेंगू मच्छर को खत्म किया जा सके।

इन उपायों द्वारा डेंगू से सुरक्षित रह सकते हैं:

सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रीज में पानी जमा नहीं होने दें। पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें। गमला, फूलदान का पानी हर दूसरे दिन बदल दें।
मौके पर जिला मलेरिया कार्यालय के  भीडीसीओ रविंद्र कुमार, धर्मेंद्र कुमार, चन्द्रभानु सिंह, दिनेश कुमार सहित कई स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।