Ramnath Vidrohi
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*असैनिक अभियंत्रण छात्रों का शैक्षणिक भ्रमण तथा पीएचडी छात्रों के लिए कार्यशाला का आयोजन*
डॉ० सी० वी० रमन विश्वविद्यालय, भगवानपुर, ,वैशाली बिहार के असैनिक अभियंत्रण विभाग के छात्र-छात्राओं ने समस्तीपुर के धरमपुर स्थित एमआरएफ केंद्र का दौरा अपने विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शांतनु एवम विभाग के अन्य प्राध्यापकों के साथ किया| यात्रा का उद्देश्य ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा कैसे काम करती है और प्लास्टिक रीसाइक्लिंग के बारे में ज्ञान प्राप्त करना था। इस दौरान प्रबंधन टीम के सदस्यों ने एक विस्तृत प्रस्तुति दी कि केंद्र कैसे काम करता है, संसाधनों को कहाँ से इकट्ठा करते हैं, और प्लास्टिक को कैसे संसाधित करते है। छात्रों को रीसाइक्लिंग प्रक्रिया के विभिन्न चरणों को देखने का मौका मिला, जिसमें प्लास्टिक कचरे को छांटना, साफ करना और कतरना, बेलना, धूल हवा में उड़ाना शामिल है। छात्रों को विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक और उनके उपयोग के साथ-साथ उचित निपटान और पुनर्चक्रण के महत्व के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई। इसके अलावा सरकार के साथ केंद्र कैसे संपर्क कर रहे हैं और इस संपर्क के माध्यम से समस्तीपुर के 20 ब्लॉकों से कचरा कैसे एकत्र हो रहा है इसकी जानकारी भी साझा की गई। इस यात्रा ने छात्रों को स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं के महत्व को समझने का एक शानदार अवसर प्रदान किया और उन्हें हरित भविष्य की दिशा में कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया।। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर ब्रिजेश सिंह ने छात्रों को इस तरह के औद्योगिक भ्रमण का समुचित लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया गया तथा आगे भी ऐसे भ्रमण का आयोजन विश्वविद्यालय के द्वारा छात्र हित में आयोजित होते रहेंगे इसका आश्वाशन दिया।। इस भ्रमण के दौरान अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र के निखिल कुमार, असैनिक अभियंत्रण के विभागाध्यक्ष शांतनु, सह प्राध्यापक अभिषेक कुमार, तनवीर आलम, ओंकार शरद, चंदन कुमार एवम इमदाद हुसैन उपस्थित रहे।
वहीं दूसरी ओर पीएचडी के छात्रों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया| जिसके मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय कुलपति, डॉ० विमल कुमार शर्मा, प्रति-कुलपति डॉ० बसंत सिंह, कुलसचिव, डॉ० ब्रिजेश सिंह, डीन अकादमिक, डॉ० धर्मेंद्र कुमार सिंह थें| कुलपति द्वारा छात्रों को विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत उच्च शैक्षिक डिग्री में नामांकित होने हेतु बधाई दी गई तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई|प्रति-कुलपति ने पीएचडी की रूप-रेखा की विस्तृत जानकारी दी|