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आनंद मोहन की रिहाई पर भाजपा की घटिया राजनीति

आनंद मोहन की रिहाई पर भाजपा की घटिया राजनीति
Ramnath Vidrohi
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आनंद मोहन की रिहाई पर भाजपा की घटिया राजनीति
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पटना 25 अप्रैल 2023 ;  राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने पूर्व सांसद आनंद मोहन के रिहाई को लेकर भाजपा द्वारा घटिया राजनीति करने का आरोप लगाया है। 
         राजद प्रवक्ता ने कहा कि बिल्किस बानो केश में आजीवन कारावास वाले सजाएफ्ताओं को महिमा मंडित करने वाली  भाजपा द्वारा दोहरा मापदंड अपनाया जाना भाजपा का चारित्रिक पहचान बन गया है।  आनंद मोहन की रिहाई को मुद्दा बना कर भाजपा अपने ओछी राजनीति का परिचय दे रही है। जबकि यह कोई राजनीतिक मुद्दा है हीं नहीं। यह पूर्ण रूप से नैसर्गिक न्याय और न्यायिक निर्देशिका का पालन करते हुए प्रशासनिक निर्णय है। जिसके वजह से आजीवन सजा प्राप्त 27 वैसे कैदियों को रिहा होने का लाभ मिलने जा रहा है जो 14 वर्षों से ज्यादा दिनों तक जेल की सजा काट चुके हैं और जेल के अन्दर उनका आचरण और व्यवहार जेल मैनुअल के अनुसार सुधारात्मक रहा है। यह महज संयोग है कि इसका लाभ पूर्व सांसद आनंद मोहन को भी मिल रहा है। चूंकि वे पन्द्रह वर्षों से ज्यादा दिनों तक जेल की सजा काट चुके हैं और जेल प्रशासन द्वारा उनके आचरण को काफी सुधारात्मक बताया गया है। 
        राजद प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा कोई पहली बार नहीं हो रहा है बल्कि अपवाद को छोड़ दिया जाए तो सामान्य तौर पर आजीवन कारावास की सजा पाए अधिकांश कैदियों को चौदह वर्ष पुरा करने के बाद कारावास से मुक्त कर दिया जाता है। विशेष मामले में न्यायालय खुद अपने फैसले में हीं मृत्यु पर्यन्त कैद का आदेश देती है। जबकि आनंद मोहन के सजा में ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है।
         राजद प्रवक्ता ने कहा कि  बिल्किस बानो मामले में गर्भवती महिला के साथ बलात्कार और मासुम बच्ची सहित परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतार देने वाले आजीवन कारावास के 11  सजाएफ्तों को न केवल  माफी दे दी गई बल्कि उन्हें तिलक लगाकर और माला पहनाकर महिमा मंडित किया गया। जबकि 2014 में गुजरात सरकार द्वारा 1992 के कैदी मैनुअल में संशोधन कर जघन्य अपराध के आजीवन कारावास वाले सजाएफ्ताओं को जीवन पर्यन्त कारावास में रहने का प्रावधान कर दिया गया था। बिल्किस बानो जैसे जघन्यतम अपराध के सजाएफ्ताओं को कारागार से मुक्त करने के लिए गुजरात की भाजपा सरकार द्वारा अपने हीं बनाए कैदी मैनुअल की न केवल अवहेलना की गई बल्कि जेल गेट पर उन्हें महिमा मंडित कर न्यायिक प्रक्रिया और मानवीय संवेदना का खुलेआम माखौल उड़ाया गया।