Ramnath Vidrohi
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ईद उल फित्र का त्योहार मना हर्षोल्लास के साथ,सबको ईद मुबारक
जन्दाहा(वैशाली)बाजार स्थित ऐतिहासिक ईदगाह में ईद उल फित्र के मौके पर हजारों मुसलमानों ने ईद की नमाज अदा कर मुल्क में अम्न व अमान,आपसी भाई चारे की दुआ की।ईद की नमाज जामा मस्जिद हजरत जन्दाहा बाजार के खतीब व ईमाम हजरत मौलाना मोहम्मद सउद आलम की इमामत मे पढ़ी गई।नमाज के बाद हजरत जन्दाहा बाजार की सालों पुरानी तहज़ीब को कायम रखते हुए यहां के मुसलमानों ने ईद की नमाज अदा करने के बाद ईदगाह से सीधे हर एक मुसलमानों के घर टोली बना कर पहुंचें और गले मिले,सेवईयां खाई और एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद पेश किया।इस दौरान अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन वक्फ स्टेट हजरत जन्दाहा के मोतवल्ली मोहम्मद शाहनवाज अता,जामा मस्जिद के सेक्रेटरी मोहम्मद हारून,खजांची मोहम्मद जमाल,मोअज्जीन मोहम्मद शफीक अंसारी,सेवानिवृत्त शिक्षक मोहम्मद कमरूद्दीन,मोहम्मद मुमताज,मोहम्मद जमशेद,मोहम्मद इम्तियाज अहमद,मोहम्मद मुश्ताक,मोहम्मद आसिफ अता,एलाही बख्श,मोहम्मद फैजान,मोहम्मद तनवीर समी,मोहम्मद मोजम्मिल,मोहम्मद जहांगीर,मोहम्मद फैसल,मोहम्मद निजाम,मोहम्मद अली,मोहम्मद तस्लीम,मोहम्मद शमसुद्दीन रंगरेज,हाफिज मोहम्मद अलाउद्दीन आदि समेत अन्य लोग भी टोली बना कर हर एक मुसलमानों के घर पर जा जा कर गले मिले,सेवई खाए,ईद की मुबारकबाद दी।यहां के बुजुर्ग लोग बताते हैं कि पूरे भारत देश में हजरत जन्दाहा बाजार जैसी ईद कहीं नहीं मनाई जाती।यहां आजादी से पहले से यह तहजीब कायम है।यहां के मुसलमान ईद की नमाज पढने के बाद ईदगाह से अपने घर नहीं जाकर एक-एक मुसलमान चाहे अमीर हो या गरीब सभी के घर जरूर जाते हैं और सब एक दुसरे से गले मिलते हैं,कुछ न कुछ जरूर खाते हैं और ईद की मुबारकबाद पेश करते हैं।यह तहजीब अपने आप में बेमिसाल और ऐतिहासिक है।ऐसी ईद कहीं नही होती।वहीं ईद के मौके पर यहां के मुरादाबाद,सिलौथर,रसूल पुर,चक मोहिउद्दीन,चकदीवान,चांद सराय,खेमकरन पुर,खोपी,हसनपुर बुजुर्ग,बेदौलिया आदि गांव में भी मुसलमानों ने हर्षोल्लास के साथ ईद का पर्व मनाया।एक दुसरे को गले लगाए,गिले शिकवे भूल सबने कहा ईद मुबारक।इस दौरान जन्दाहा थानाध्यक्ष विश्वनाथ राम समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी सभी ईदगाह पर घूम-घूम कर स्थिति का जायजा लिया।पूरे प्रखंड क्षेत्र में पुलिस जवान अधिक संख्या में हर ईदगाह के नजदीक तैनात थे।