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Ramnath Vidrohi
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‌‌‌एईएस की रोकथाम में आशा दीदियों की भूमिका अहम् - जिलाधिकारी 

- जिलाधिकारी ने लिखा आशा कार्यकर्ताओं को पत्र 
- आशा दीदी की भूमिका को बताया व्यापक 
- एईएस के रोकथाम में मांगा आशा दीदीयों का सहयोग 

मुजफ्फरपुर। 20अप्रैल 
जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने आशा कार्यकर्ताओं को एक सार्वजनिक चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी के माध्यम से जिलाधिकारी ने आशा कार्यकर्ताओं को सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता की उपाधि देते हुए हर साल की तरह इस साल भी एईएस व जेई में अपना अमूल्य योगदान देने का आग्रह किया है। जिलाधिकारी ने चिट्ठी में लिखा है कि आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका ग्राम स्वास्थ्य के हर मुद्दे पर बहुत ही व्यापक और महत्वपूर्ण होती है, इसलिए एईएस व जेई के रोकथाम में भी उनकी सक्रिय भूमिका बहुत ही जरूरी है। 

अप्रैल से जून माह है चमकी के लिए खतरनाक:

जिलाधिकारी ने चमकी के प्रभाव के बारे में लिखा है कि एईएस व जेई के लिए अप्रैल से जून माह काफी संवेदनशील होता है। इस दौरान अत्यधिक गर्मी के कारण बच्चों में यह बीमारी फैलती है, इस दौरान बच्चों में सिर दर्द, तेज बुखार, अर्द्धचेतन, मिर्गी, पहचानने की क्षमता न होना जैसे लक्षण आते हैं। चूंकि इस बीमारी में समय बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए बच्चों का ससमय अस्पताल पहुंचना आवश्यक है। इसे ध्यान में रखते हुए आशा कार्यकर्ताओं से एक जिलाधिकारी होने के नाते अपील करूंगा कि उनके क्षेत्र या आस पड़ोस में एक से 15 वर्ष तक के बच्चे में अगर एईएस के कोई लक्षण मिले तो आप नजदीकी प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिना समय गंवाए उपचार के लिए पहुंचाने का कष्ट करें। इसके साथ ही चमकी की तीन धमकी के साथ चमकी में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जिलाधिकारी ने पत्र में जिक्र किया है। 

कटरा पीएचसी में तेज बुखार से पीड़ित बच्चा भर्ती:

कटरा के आंगनबाड़ी संख्या 239 से एक बच्चे को कटरा पीएचसी में वहां की सेविका ने भर्ती कराया। जिसका इलाज तुरंत ही वहां शुरू कर दिया गया। उसे कल रात से तेज बुखार के साथ शरीर में दर्द था। इलाज के बाद बच्चे की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है।