Ramnath Vidrohi
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स्वास्थ्य शिविर लगाकर जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की हुई एएनसी जांच
- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की हुईं जाँच
- बगहा02,मझौलिया, सिकटा, मयनाटांड़, ठकराहां पीएचसी, सीएचसी व रेफरल अस्पताल में हुआ कैम्प का आयोजन
बेतिया, 10 अप्रैल। जिले में गर्भवती महिलाओं की प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर आयोजित कर प्रसव पूर्व एएनसी जांच की गई। इस दौरान बगहा02,मझौलिया, सिकटा, मयनाटांड़, ठकराहां पीएचसी, सीएचसी व रेफरल अस्पताल में मेडिकल कैम्प का आयोजन कर गर्भवती महिलाओं की चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य जांच के बाद जरूरी परामर्श दिया गया । साथ ही रहन-सहन, साफ-सफाई, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां सहित कई अन्य चिकित्सकीय परामर्श दिया गया । ताकि सुरक्षित प्रसव एवं मातृ-शिशु मृत्यु दर पर विराम लग सके । ये बातें सिविल सर्जन डा.श्रीकांत दुबे ने कही। उन्होंने बताया कि आयोजित शिविर में बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं शामिल हुईं और सुरक्षित व सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जांच की गई। शिविर में जांच कर रही मेडिकल टीम ने गर्भवती महिलाओं की एएनसी, ब्लड, यूरिन, एचआईवी, ब्लड ग्रुप, बीपी, हार्ट-बीट आदि की भी जांच की।
परिवार नियोजन के लाभार्थियों को दी जाती है प्रोत्साहन राशि:
डीसीएम राजेश कुमार ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क प्रसव कराए जाने की व्यवस्था उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा मौके पर उपस्थित महिलाओं को बढ़ती जनसंख्या नियंत्रण पर रोक लगाने हेतु परिवार नियोजन कराए जाने की सलाह दी गई। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में पुरुष नसबंदी का लाभ उठाने पर लाभार्थी को ₹3000/- व उत्प्रेरक को ₹400/- रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को ₹2000/- व उत्प्रेरक को ₹300/-, प्रसव उपरांत बंध्याकरण पर लाभार्थी को ₹3000/- व उत्प्रेरक को ₹400/-, प्रसव उपरांत कॉपर-टी लगाने पर लाभार्थी को ₹300/- व उत्प्रेरक को ₹150/-, गर्भपात उपरांत कॉपर-टी लगाने पर लाभार्थी को ₹300/- व उत्प्रेरक को ₹150/-, गर्भनिरोधक सुई (अंतरा) का लाभ उठाने पर लाभार्थी को ₹100/- व उत्प्रेरक को ₹100/- की सहायता राशि प्रदान की जाती है। डीसीएम राजेश कुमार ने बताया प्रत्येक माह की नौ तारीख को पीएचसी स्तर पर मुफ्त एएनसी जांच की व्यवस्था की जाती है। ताकि प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की अनावश्यक शारीरिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े और सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिल सके।
कोविड टीका लगाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि कोविड टीका लगाने से महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। गर्भवती महिलाओं द्वारा कोविड टीका लगाया जाता है तो उसे बीमारियों से लड़ने में आसानी होगी। टीका लगाने से गर्भवती महिला के होने वाले बच्चे में भी संक्रमण का अंश खत्म हो जाता है।