Monday, Jun 23, 2025 | Time 05:14 Hrs(IST)
 logo img

चमकी बुखार पर रोकथाम को जागरूकता जरूरी:-शीर्षत कपिल,,जिलाधिकारी

चमकी बुखार पर रोकथाम को जागरूकता जरूरी:-शीर्षत कपिल,,जिलाधिकारी
Ramnath Vidrohi
Views: 204

चमकी बुखार पर रोकथाम को जागरूकता जरूरी:-शीर्षत कपिल,,जिलाधिकारी

- गर्मी के दिनों में चमकी बुखार की संभावनाएं बढ़ जाती हैं
- एईएस पीड़ित बच्चों को तुरंत स्वास्थ लाभ मुहैया कराएं
- चमकी प्रभावित क्षेत्रों में चौपाल का आयोजन जरूरी

मोतिहारी, 27 मार्च। जिले में एईएस/चमकी के मामलों में कमी लाने के उद्देश्य को लेकर जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गर्मी के दिनों में एईएस/चमकी बुखार की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इससे बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है। उन्होंने निर्देश दिया की जीविका, आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, विकासमित्रों के साथ बैठक कर जागरूकता फैलाई जाए ताकि चमकी के मामलों में कमी आए।

चमकी प्रभावित क्षेत्रों में लगातार करें चौपाल का आयोजन:

जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने एईएस से बचाव हेतु व्यापक पैमाने पर प्रचार प्रसार एवं चौपाल करने का निर्देश भी दिया है। उन्होंने कहा कि प्रभावित प्रखण्डों के गांवों, बाजारों, महादलित टोलों में जागरूकता अभियान चलाया जाना बेहद जरूरी है। मौके पर स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासनिक विभाग के पदाधिकारियों को एईएस से सुरक्षा हेतु सभी तैयारियां पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है।

एईएस पीड़ित बच्चों को तुरंत स्वास्थ लाभ मुहैया कराएं:

डीएम ने कहा कि जीविका, आंगनबाड़ी, विकास मित्र, शिक्षा विभाग, ग्रामीण क्षेत्रों में पूरी सतर्कता एवं सावधानी बरतें ताकि एईएस पीड़ित बच्चों को तुरंत स्वास्थ लाभ मुहैया करायी जा सके। पीएचसी स्तर पर एईएस से बचाव हेतु सभी तैयारियां पूर्ण करने का उन्होंने निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि एईएस किट सभी आशा के पास उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की माताओं को इसके बारे में जागरूक करना सुनिश्चित करें।

चमकी बुखार/ एईएस के लक्षण:

- लगातार तेज बुखार रहना।
- बदन में लगातार ऐंठन होना।
- दांत पर दांत दबाए रहना।
- सुस्ती चढ़ना।
- कमजोरी की वजह से बेहोशी आना।
- चिउटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि या हरकत न होना आदि।