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*पटना हाईकोर्ट ने थानों की दयनीय स्थिति के मामले पर की सुनवाई,!!

*पटना हाईकोर्ट ने थानों की दयनीय स्थिति के मामले पर की सुनवाई,!!
Ramnath Vidrohi
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*पटना हाईकोर्ट ने थानों की दयनीय स्थिति के मामले पर की सुनवाई,!!
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पटना हाइकोर्ट ने राज्य में पुलिस स्टेशनो की दयनीय अवस्था और बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के मामलें पर सुनवाई की। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार को मॉडल पुलिस थाने के निर्माण पर विचार करने के लिए राज्य के विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमिटी गठित करने का निर्देश दिया। राज्य सरकार की ओर से बिहार व अन्य राज्यों के मॉडल पुलिस थाने के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। कोर्ट ने जानना चाहा कि इस सम्बन्ध में किस तरह कार्रवाई हो सकती है। 
    कोर्ट ने बिहार राज्य पुलिस भवन निर्माण निगम में काफी पद के रिक्त होने को काफी गम्भीरता से लिया। उन्होंने राज्य सरकार को इन रिक्त पदों को शीघ्र भरने को कहा,ताकि पुलिस थाना भवनों का निर्माण कार्य तेजी से हो सके। साथ ही पुलिस थाना भवनों के निर्माण के लिए उपलब्ध फंड के उपयोग और वितरण पर भी कोर्ट में चर्चा हुई। कोर्ट ने अगली सुनवाई में इस बारे में जानकारी देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया।
    पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को कॉर्डिनेटर के रूप में कार्य करने के वरीय पुलिस अधिकारी का नाम का सुझाव देने को कहा था। राज्य सरकार ने एडीजी कमल किशोर सिंह का नाम कॉर्डिनेटर के रूप में दिया था। राज्य में 1263 थाना है,जिनमें 471 पुलिस स्टेशन के अपने भवन नहीं है। इन्हें किराये के भवन में काम करना पड़ता है। कोर्ट ने बिहार स्टेट पुलिस बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कार्पोरेशन को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था। जब तक दूसरे भवन में चल रहे पुलिस स्टेशन के लिए सरकारी भवन नहीं बन जाते, तब तक पुलिस अधिकारी कमल किशोर सिंह कॉर्डिनेटर  के रूप में कॉर्डिनेट करेंगे। इससे पहले भी पुलिस स्टेशन की दयनीय स्थिति और बुनियादी सुविधाओं का मामला कोर्ट में उठाया गया था। राज्य सरकार ने इन्हें सुधार लाने का वादा किया था, लेकिन ठोस परिणाम नहीं दिया।
    कोर्ट में सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी अधिवक्ता सोनी श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि जो थाने सरकारी भवन में चल रहे हैं, उनकी भी हालत अच्छी नहीं है। उनमें भी बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी है। उन्होंने बताया कि पुलिस स्टेशन में बिजली, पेय जल, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं है।  लगभग आठ सौ थाने ऐसे है, सरकारी भवनों में चल रहे है,लेकिन उनकी भी स्थिति अच्छी नहीं है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जो थाना सरकारी भवन में है,उनमें भी निर्माण और मरम्मती की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि कई पुलिस स्टेशन के भवन की स्थिति खराब है। पुलिसकर्मियों को काफी कठिन परिस्थितियों में और कई  सुविधाओं के अभाव में कार्य करना पड़ता है। इस मामलें पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। ```