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‌‌‌जनप्रतिनिधि जनता के करीब, टीबी रोगियों की खोज में निभा सकते हैं अहम भूमिका

‌‌‌जनप्रतिनिधि जनता के करीब, टीबी रोगियों की खोज में निभा सकते हैं अहम भूमिका
Ramnath Vidrohi
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‌‌‌जनप्रतिनिधि जनता के करीब, टीबी रोगियों की खोज में निभा सकते हैं अहम भूमिका
 
- महापौर ने की प्रत्येक वार्ड से एक-दो टीबी रोगियों को गोद लेने की अपील 
- जिले में 3280 मरीजों की सूची न्यूट्रिशन सर्पोट की उपलब्धि

सीतामढ़ी। 6 फरवरी 
यक्ष्मा रोग के उन्मूलन के लिए किए जा रहे प्रयासों में जनप्रतिनिधियों का साथ मिल जाने से नए टीबी रोगियों की खोज को बल मिलेगा। दो हफ्ते से अधिक खांसी, बुखार या बलगम के साथ खून वाला कोई भी संदिग्ध व्यक्ति अगर आपकी जानकारी में आता है उसे बलगम जांच के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जरूर भेजें। ये बातें जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मुकेश कुमार ने यक्ष्मा नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक में कही। उन्होंने कहा कि अब रोगी को सारी दवा ट्रांसपोर्टर की मदद से उसके घर तक भेजी जा रही है। 
बैठक की शुरुआत में सीएस डॉ सुरेश चंद्र लाल और सीडीओ डॉ मुकेश कुमार ने नगर निगम के महापौर रौनक जहां परवेज एवं उप महापौर आशुतोष कुमार को पौधा भेंट करते हुए सभी वार्ड पार्षद का आभार व्यक्त किया। बैठक के दौरान डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ कुमार गौरव ने पीपीटी के माध्यम से देश, बिहार तथा सीतामढ़ी जिला में यक्ष्मा रोग की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर यक्ष्मा की जांच, उपचार एवं दवा निशुल्क उपलब्ध है परंतु जानकारी के अभाव में इसका लाभ कुछ यक्ष्मा मरीजों तक नहीं पहुंच पाता है। जन प्रतिनिधियों से इसकी जानकारी समाज के हर समूह तक पहुंचाने का अनुरोध किया गया। 

जिले में चार हजार यक्ष्मा मरीज इलाजरत:

लेखपाल रंजन शरण ने कहा कि जिले में अभी लगभग चार हजार यक्ष्मा मरीज इलाजरत है जिसमें से 3280 यक्ष्मा रोगी द्वारा न्यूट्रिशन सर्पोट मिलने पर उन्हें लेने हेतु सहमति दी है। वर्तमान में मात्र छह मरीज को निक्षय मित्र की सहायता से प्रतिमाह न्यूट्रिशन सर्पोट के रूप में फूड बास्केट उपलब्ध कराया जा रहा है। दिनांक 10 मार्च से 23 मार्च तक क्षय रोग जागरूकता एवं खोज अभियान चलेगा। जिसमें घर घर से सर्वे कर संदिग्ध मरीजों का माइक्रोस्कोपिक जांच कराई जाएगी।
 
पांच टीबी रोगियों को गोद लेने का ऐलान:
 
बैठक के दौरान टीबी में हो रहे सकारात्मक पहल को देखते हुए उपमहापौर सीतामढ़ी नगर निगम द्वारा पांच यक्ष्मा मरीजों को निक्षय मित्र बनकर गोद लेने का ऐलान किया गया। वहीं महापौर रौनक जहां परवेज द्वारा भी स्वयं निक्षय मित्र बनकर अधिक से अधिक यक्ष्मा मरीजों की सहायता हेतु आश्वासन दिया गया। इसके अलावे भी प्रत्येक वार्ड पार्षदों से एक या दो टीबी मरीजों को गोद लेने का ऐलान किया गया। उन्होंने टीबी विभाग से न्यूट्रिशन सर्पोट के इच्छुक मरीजों की सूची उपलब्ध कराने को कहा।