Ramnath Vidrohi
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जागरूकता के साथ जिले में लोगों को सर्वजन दवा खिला रहे हैं स्वास्थ्य कर्मी- सीएस डॉ वीरेंद्र चौधरी
- 19.27 लाख लोगों को खिलाई जा चुकी है दवा
- 48 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है
- चलाया जा रहा है एमडीए का दूसरा मॉपअप राउंड
बेतिया, 21 फरवरी। जिले के लोगों को फाइलेरिया रोग से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग गम्भीर है। जिले के सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र चौधरी ने बताया कि- जिले के लोगों को जागरूक करते हुए राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत एमडीए अभियान में आशा व आशा फैसिलिटेटर, जीविका कर्मी, व स्वास्थ्य कार्यकर्ता की टीम के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम पूरी मुस्तैदी के साथ अभियान की सफलता में लगी हुई है। लोगों को जागरूक करते हुए 19 लाख 27 हजार 269 लोगों को सर्वजन दवा खिलाई जा चुकी है। जबकि 48 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक गम्भीर रोग है जिसका इलाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए सभी निर्धारित आयु वर्ग के लोग दवा का सेवन जरूर करें औऱ फाइलेरिया से सुरक्षित रहें।
लोगों को दवा का महत्व बता रहे हैं स्वास्थ्य कर्मी:
स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जिले के मझौलिया, नरकटियागंज, सहित कई प्रखंड क्षेत्रों के युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं को फाइलेरिया (हाथीपाँव) से बचाव के बारे में जागरूक किया गया है । साथ हीं आशा व जीविका कार्यकर्ताओं की मदद से लोगों को अल्बेंडाजोल व डीईसी की दवा खिलाई गई। इस अवसर पर लोगों को समझाकर दवा सेवन कराने में श्यामसुंदर कुमार, पीसीआई के प्रतिनिधि नवल किशोर सिंह का भी योगदान रहा।
चलाया जा रहा है एमडीए का दूसरा मॉप अप राउंड:
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेन्द्र कुमार व केयर इंडिया के डीपीओ मुकेश कुमार ने बताया कि जिले में 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जा रहा है।उन्होंने बताया कि जिले में अब एमडीए अभियान का दूसरा मॉप अप राउंड शुरू है। उन्होंने बताया कि जिले के कुछ प्रखंडों में महिलाओं,बुजुर्गों ने जानकारी के अभाव में दवा खाने से इंकार कर दिया था,परन्तु समझाने पर उन्होंने दवा खाई।
फाइलेरिया से बचने का बेहतर विकल्प है दवा का सेवन:
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेन्द्र कुमार ने बताया कि सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। राज्य स्वास्थ्य समिति की तरफ से अधिकारी भी आकर क्षेत्र में घूमकर फीडबैक ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि सर्वजन दवा की खुराक फाइलेरिया से मुक्ति दिलाती है। फाइलेरिया से बचने का यह बेहतर विकल्प है। इसलिए दवा का सेवन जरूर करें।
[2/21, 17:42] CS.: 43 प्रकार की बीमारियों की पहचान के लिए जरूरी है प्रशिक्षण- डॉ मनीष कुमार
-आरबीएसके मोबाइल हेल्थ टीम का प्रशिक्षण आयोजित
- सदर अस्पताल परिसर में चल रहा है दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
मोतिहारी, 21 फरवरी। जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान में सदर अस्पताल परिसर में राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत मोबाइल हेल्थ टीम का दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। प्रशिक्षण के सम्बंध में आरबीएसके जिला समन्वयक डॉ मनीष कुमार ने बताया कि आरबीएसके डॉक्टरों की टीम को 43 प्रकार की बीमारियों से ग्रसित बच्चों की पहचान के तरीकों को समझने व बच्चों के कार्ड बनाने, रजिस्टर मेंटेनेंस के साथ ही उन्हें रेफर करने के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण जिले के पीएचसी के चयनित प्रशिणार्थियों को दिया जा रहा है। डॉ मनीष कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण 20 से 28 फरवरी तक चलाया जाएगा। सदर अस्पताल परिसर में मंगलवार को आरबीएसके चिकित्सकों को डॉ खालिद अख्तर और डॉ एमके श्रीवास्तव द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का उद्देश्य:
डॉ मनीष कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का उद्देश्य है- जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के समस्यात्मक बच्चों की शुरुआती पहचान करना, जन्म के समय दोष,उनकी कमी, रोग, विकलांगता सहित विकास में देरी आदि की पहचान करना।
चार स्तर पर होती है स्क्रीनिंग:
जिला समन्वयक डॉ मनीष कुमार ने बताया कि प्रथम स्तर पर मौजूदा चिकित्सा अधिकारियों, स्टाफ नर्सों और एएनएम के माध्यम से सभी प्रसव बिंदुओं पर प्रथम स्तर की स्क्रीनिंग की जा रही है। दूसरे स्तर पर 48 घंटे के बाद 6 सप्ताह की आयु तक आशा द्वारा एचबीएनसी पैकेज के तहत घर पर ही नवजात शिशुओं की जांच की जाती है। तीसरे स्तर पर आंगनबाड़ी केंद्रों में 6 सप्ताह से 6 वर्ष के बच्चों और चौथे स्तर पर स्कूल में 6-18 वर्ष के बच्चों की समर्पित मोबाइल स्वास्थ्य टीमों द्वारा आउटरीच स्क्रीनिंग की जाती है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम 2013 से ही पूरे देश में लागू है। वहीं 2015 से बिहार में इसकी शुरुआत की गई है।
मौके पर जिला समन्वयक डॉ मनीष कुमार, डॉ खालिद अख्तर, डॉ एमके श्रीवास्तव, डॉ उमाशंकर गुप्ता, डॉ विजय कुमार गुप्ता सहित अन्य लोग शामिल थे।