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10 फरवरी से होने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में विभागों की जिम्मेदारी तय

10 फरवरी से होने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में विभागों की जिम्मेदारी तय
Ramnath Vidrohi
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10 फरवरी से होने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में विभागों की जिम्मेदारी तय 

-  समाहरणालय में सोमवार को हुई जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक 
-  लगातार दूसरी बार जिले में चलेगा ट्रिपल ड्रग थेरेपी

शिवहर। 6 फरवरी 
पूरे सर्वजन दवा सेवन के दौरान रैपिड रिस्पांस टीम की पैनी नजर होनी चाहिए। जो भी ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर हैं वह हमेशा दवाओं को अपने सामने ही लोगों को खिलाएं। सभी विभाग अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभाएं तो निश्चित ही हम इस बार फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे इस अभियान को सफल बनाएगें। ये बातें समाहरणालय सभागार में उप विकास आयुक्त अतुल कुमार वर्मा ने सोमवार को जिला समन्वय समिति की बैठक में कहीं। डीडीसी ने कहा कि इस बार जिले में लगातार दूसरी बार सर्वजन दवा सेवन के तहत  तीन दवाएं खिलाई जाएगी। जिले में कुल लक्षित आबादी आठ लाख 49 हजार है, जिन्हें आइवरमेक्टिन, डीईसी और एल्बेंडाजोल की गोली डोज पोल की सहायता से खिलाई जाएगी। इसके लिए 306 टीम का गठन किया गया है, जिसमें कुल 612 सदस्य हैं। शिवहर शहरी इलाके में दवा के एडमिनिस्ट्रेशन के लिए कुल 22 टीमों की सहायता ली जाएगी। जिले में पूरे कार्यक्रम के सुपरविजन के लिए 40 सुपरवाईजर बनाए गए हैं। पिछली बार जिले ने 72 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की थी।
 
अब साल में दो बार होगा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम:
 
सीएस डॉ शैलेन्द्र कुमार झा ने बताया कि अब फाइलेरिया को उपेक्षित रोग की श्रेणी से बाहर निकाल लिया गया है। इसके अलावा इसके उन्मुलन के वर्ष को भी घटाकर 2030 से 2027 कर दिया गया है। अब सरकार का इस रोग के उन्मुलन पर विशेष ध्यान है क्योंकि यह रोग शरीर को अपंग बना देता है। इसके अलावा अब सर्वजन दवा सेवन वर्ष मे दो बार 10 फरवरी और 10 अगस्त को निश्चित रूप से होगा। 

जीविका,शिक्षा विभाग, पंचायती राज, आईसीडीएस को मिली जिम्मेदारी:

डीडीसी ने कहा कि सभी विभागों को उनकी जिम्मेदारी सौंपी गयी है। जिसमें सर्वजन दवा सेवन की जानकारी तथा फाइलेरिया उन्मूलन पर जागरूकता फैलाना है। इसके अलावा सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के इवनिंग ब्रीफिंग में कार्यक्रम के दौरान होने वाली रोजमर्रा की दिक्कतों और जरूरतों पर चर्चा और उसका निदान करना होगा। आरबीएसके के वाहनों द्वारा प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित किया जाएगा। मौके पर जीविका, आईसीडीएस के प्रतिनिधि, सिविल सर्जन डॉ शैलेन्द्र कुमार झा, केयर के डीपीओ प्रभाकर कुमार सहित विभाग के अन्य लोग उपस्थित थे।