Ramnath Vidrohi
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धर्मगुरु सर्वजन दवा सेवन के लिए फैलाएंगे जागरूकता, मस्जिदों में नमाजियों को भी मिलेगी जानकारी
-धर्मगुरुओं ने कार्यक्रम को सफल करने में जिम्मेदारी निभाने की कही बात
- 10 फरवरी से चलाया जाएगा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम
मुजफ्फरपुर। 6 फरवरी
10 फरवरी से जिले में शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धर्मगुरूओं ने अपना हाथ आगे बढ़ाया है। इसी क्रम में सोमवार को विभिन्न पंथों के धर्मगुरुओं की बैठक डीआइईसी भवन में जिला भीबीडीसी पदाधिकारी की अध्यक्षता में हुई। मौके पर जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने कहा कि धर्म गुरु हमारे समाज के पथ पर्दशक होते हैं। जिसका अनुसरण समाज का हरेक व्यक्ति करता है। ऐसे में इनके द्वारा दी गयी किसी भी प्रकार की जानकारी लोग सहज ही स्वीकार करते हैं। प्रत्येक बार की तरह इस बार भी फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाए जाने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में इनकी महती भूमिका होगी। जिसमें यह ट्रिपल ड्रग थेरेपी की खुराक के फायदे अपने अनुयायियों को बताएगें। समाज में फैले भ्रांतियों के प्रति लोगो को जागरूक करेंगे।
मस्जिद के नमाजियों को मिलेगी जानकारी:
जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने सभी धर्मगुरुओं से मस्जिद में आने वाले नमाजियों और आमजनों को फाइलेरिया की जानकारी देने के साथ ही फाइलेरिया से बचाव के लिये दवा खाने के लिए प्रेरित करने की अपील की। डॉ सतीश ने बताया कि दवा खिलाने के लिए आंगनवाड़ी सेविका एवं आशा कार्यकर्ता लोगों के घर जाकर अपने सामने दवा खिलाएगी। मौके पर उपस्थित सभी धर्मगुरुओं ने अभियान को सफल करने के लिए अपनी भूमिका निभाने की बात कही। बताया कि दो साल से कम, गर्भवती महिला व गंभीर रूप से ग्रसित मरीजों को दवा नहीं दी जायेगी.
जागरूक करने से मिलेंगे बेहतर परिणाम:
पीसीआई के अमित ने कहा कि यह अभियान की सफलता के लिए जनप्रतिनिधियों का सहयोग अत्यंत ही आवश्यक है। लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा सामने दवा खिलायी जायेगी। इसके लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर पूरी रणनीति तैयार की गयी है। प्रखंड स्तरीय माइक्रो प्लान बनाकर ज्यादा से ज्यादा आबादी को लक्षित किया गया है। अभियान के पूर्व दवा सेवन के लिए जागरूक करने से अभियान में बेहतर परिणाम मिलेंगे। आईडीए कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में आईवरमेक्टिन, डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की दवा दी जायेगी। मौके पर जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार, केयर डीपीओ सोमनाथ ओझा, पीसीआइ के अमित कुमार सहित यूनिसेफ के प्रतिनिधि और धर्मगुरुओं की उपस्थिति थी।