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सम्पादकीय.. सुर्ख़ियों में हैं ..गोरौल के सीओ ब्रजेश कुमार पाटिल

     सम्पादकीय..       सुर्ख़ियों में हैं ..गोरौल के सीओ ब्रजेश कुमार पाटिल
Ramnath Vidrohi
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 सम्पादकीय...... सुर्ख़ियों में हैं ..गोरौल के सीओ ब्रजेश कुमार पाटिल 
गोरौल के सीओ ब्रजेश कुमार पाटिल को उनके विरुद्ब लगे कई गंभीर  आरोपों के बाद वैशाली के डीएम यशपाल मीणा ने करीब सात माह पहले श्री पाटिल का बेतन बंद कर दिया था लेकिन अभी तक बेतन ना मिलने के बारे में उन्होंने शनिवार को एक अखवार के संवाददाता को बुलाकर अपनी बातें रविवार के अंक में प्रकाशित कराया और कहा है की बेतन नहीं मिलने से वे भुखमरी के कगार पर हैं! वे अपने काम में काफी  मेहनत कर १२से १४ घंटे काम करते हैं !डेरा लेकर रहते हैं !सब काम समय से करते है !इसके बाद भी बेतन नहीं मिल रहा है !!
अखवार के संवाददाता ने पूरी निष्ठा के साथ लिखा ...कुछ दाखिल खारिज के मामलों को लेकर जिला से बेतन बंद है !
डीएम ने बेतन बंद क्यों किया इसपर संवाददाता ने चुप्पी साधली !डीएम के निरिक्षण के समय लगभग 2200 दाख़िल खारिज के मामलों की बात प्रकाश में आयी थी और कई राजस्व मामले प्रकाश में आने के बाद डीएम ने बेतन बंद कर  इनके विरुद्ध नियमानुकूल कारबाई के लिए सरकार को   लिखा था !! तबसे नौ महीने हो गए इनका बेतन बंद ही है !अखवार में भुखमरी के कगार पर प्रकाशित ख़बरों के माध्यम से सीओ ने जो बातें कही है उससे प्रशासनिक महकमे में इससे इनका ही नुकसान होने की संभावना है !इनका यह गेम उलटा पडेगा !मसलन ..काम समय से करते हैं फिर भी बेतन नहीं मिलता !यह सीधे प्रशासन पर चोट है !इसी खबर के अंत में एक बड़ी बात  
सीओने ने कहा है की बार बार
मोबाइल पर  एडीएम विनोद कुमार सिंह को मोबाइल करते हैं तो रिसीव नहीं होता !मतलब आप समझ सकते हैं !!
अखवार ने इन बातों को प्राथमिकता क्यों नहीं दिया ..समझ से पड़े है ....
1.लगभग 2600मामले दाखिल  खारिज के हैं   जो सीओ ने या तो खारिज किया या लंबित रखा,वह भी सीआई और राजस्व कर्मचारी     के   अनापत्ति के बाद !सरकार के सचिव के जांच से भी उजागर हुआ था !मीडिया रिपोर्ट में प्रकाशित हुआ था !!
2.एक ही जमींन को दो दो बार दाखिल खारिज करना !!
3..कोर्ट में मामला लंबित रहने  के बाद भी नियम बिरुद्ध दाखिल खारिज कर देना !
4..डीएम  के आदेश को शीतगृह में डालकर अमल ना करना और लोगों को परेशान करना !
5.लोकशिकायत  निवारण प्राधिकार के आदेशों को नहीं मानना !!
6.प्राधिकार में लगभग 8भूमि राजस्व मामले में दो महीनो से उपस्थित नहीं होना और न्याय को बाधित करना !
7.परेशान होकर प्राधिकार को विपरीत टिप्पणी के साथ नियमानुसार कारबाई के लिए पत्र लिखना !
8.उच्चन्यालय के जमाबंदी आदेश के बाद भी जमाबंदी ना कर  लोगों को महीनों परेशान करना !
9.जमीन मापी के लिए पैसा जमा करने के बाद भी लोगों की जमीन नापी ना होना !!
10.दाख़िल खारिज के लिए दो साल से भी अधिक समय से लोगों का चक्कर काटना !!
सीओ गोरौल के बेतन बंद रहने का कारण राजस्व से जुड़े मामले वरीय अधिकारियों के आदेशों की उपेक्षा ,भूमि सुधार के लंवित मामले ,समय  समय पर क्षेत्र के लोगों की सरकार और डीएम से की गयी शिकायत ,मुख्यमंत्री समाधान यात्रा में की गयी शिकायत आदि प्रतीत होता है !आज के अखवारी ब्यान पर प्रशानिक कदम क्या होगा ?यह दो तीन दिन में पता चलेगा !
रामनाथ विद्रोही 
सम्पादक