Ramnath Vidrohi
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अमृतकाल के पहले बजट खेती से लेकर आधुनिक- वैज्ञानिक खेती के लिए प्रावधान किया गया है। स्टार्टअप, डिजिटल ट्रेनिंग, नई तकनीक, पब्लिक इन्फास्ट्रैक्चर विकास की बात की गयी है, वहीं परम्परागत खेती में मोटे अनाज- बाजरा, मड़ुआ, जौ, मक्का आदि की खेती को प्राथमिकता दी गई है। इसको श्री अन्न का नाम दिया गया है। एम एस पी में बढोतरी की गयी है। मत्स्य पालन, पशुपालन,डेयरी, बागवानी के लिए बजट में वृद्धि करके रोजगार सृजन करने का काम किया गया है। 20 लाख करोड़ का ॠण का प्रावधान किया गया है जिससे किसानों को काफी लाभ होगा।
डॉ अभय नाथ सिंह,
प्रदेश अध्यक्ष, स्नातक बेरोजगार किसान संघ , बिहार , सह सचिव ,
जागृति कला केन्द्र, वैशाली