Ramnath Vidrohi
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सुशासन की सरकार में उच्च न्यायालय का आदेश को भी नही मानते अधिकारी?
मुजफ्फरपुर !!ासुशासन की ंसरकार में अधिकारी इस तरह वेलगाम हो गए है। जो सरकार ही नही माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को भी शीत गृह में रखकर न्यायार्थी को परेशान कर रहे है। इसका जिता जागता उदाहरण मुजफ्फरपुर जिला के कुढ़नी थाना अंतर्गत किशुनपुर बलौर निवासी स्व. रामानंद सिंह के पुत्र विनय कुमार सिंह है। जो बर्षो से बिहार सरकार के भुमी बलौर हाट पर अतिक्रमण को लेकर मुजफ्फरपुर जिलाधिकारी से लेकर सीएम तक आवेदन देकर अतिक्रमण हटाने की मांग की। लेकिन 7 बर्षो में उन्हें न्याय नही मिला। तब थक हार कर उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय पटना में सिविल रिट संख्या 4426/2022 करते हुए राज्य के मुख्य सचिव, तीरहुत के कमिश्नर, एस डीओ मुजफ्फरपुर बेस्ट पश्चिमी, डीसीएल आर मुजफ्फरपुर, वीडियो, सीओ कुढ़नी, राजेन्द्र साह थतैया, दशरथ सिंह, शरीफ लाल सिंह, महावीर साह, लालबाबू साह, रामचन्द्र साह, लक्षणदेव साह, बैजू साह, नागेंद्र साह, दिनेश सिंह, चंदेश्वर सिंह, महेश साह, सभी गांव किशुनपुर बलौर, थाना कुढ़नी, जिला मुजफ्फरपुर, सहित 22 लोगों के विरुद्ध याचिका दायर किया। इस मामले को माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश माननीय संजय करोल और न्यायमुर्ती एस कुमार ने सुनवाई किया। मामले के सुनवाई के बाद माननीय न्यायधीशों ने गत 8 अप्रैल 2022 को अपना फैसला सुनाया। जिस फैसलों के पारा (सी) में बिहार सरकार सहित डीएम मुजफ्फरपुर को फैसले के तिथी से चार महीनों के अंदर इस मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया था। साथ ही पारा(डी) में यह निर्देश दिया था की मामले के सुनवाई के समय नेचुरल" जस्टिस" का पालन किया जाना चाहिए। ताकि पिरीत पक्ष को न्याय मिल सके।
माननीय उच्च न्यायालय के फैसले मिलते ही प्रार्थी विनय कुमार सिंह ने सचिव राजस्व विभाग पटना, कमिश्नर तीरहुत डिवीजन मुजफ्फरपुर, वीडियो, सीओ कुढ़नी, समाहर्ता भुमी, एसडीओ, डीएम मुजफ्फरपुर को निबंधित डाक से 14 अक्टूबर 2022 भेजा। हलांकि इस न्यायालय के आदेश की प्रति न्यायालय स्तर पर सभी अधिकारियों को प्राप्त भी हुआ होगा। लेकिन न्यायालय के आदेश का पालन सरकार या अधिकारियों ने 8 महीनों बीतने तक भी नही किया। जिससे न्यायार्थी को न्याय नही मिल सका है।
यह मामला कुढ़नी थाना क्षेत्र अंतर्गत किशुनपुर बलौर के विनय कुमार सिंह ने 65 ग्रामीणों के हस्ताक्षर युक्त शिकायत पत्र के आधार पर तीरहुत प्रमण्डल के आयुक्त को 11 सितंबर 2015 को समर्पित किया था। जहां से पत्रांक 6755/ दिनांक 21/09/15 के अनुसार जिला पदाधिकारी मुजफ्फरपुर को प्रेसीत किया गया था। उसके बाद अंचल अधिकारी कुढ़नी के पास यह मामला आया। लेकिन इस मामले में विनय कुमार सिंह को न्याय नही मिला। थक हार कर उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय की शरण ली। जहां से उन्हे इस मामले की निपटारा करने के लिये संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि 4 महीनों के अन्दर इसका निपटारा करते हुए न्याय दे। ताकि वादी को न्याय मिल सके। यह मामला अतिक्रमण वाद से संबंधित है जिसमें कहा गया है कि थाना नंबर 181, खाता नंबर 186 और 179 खेसरा नंबर 189 और 234 रकबा एवं डिसमिस 61 और 101 जो किशुनपुर बलौर हाट सरकारी भुमी है। जिसे अतिक्रमण कर चावल मिल, आटा मिल, तेल मिल, किराना स्टोर, कपड़ा का थोक एवं खुदरा दुकान, और विरहत पैमाने पर निजी दुकान दवा, नास्ता, साईकिल मरम्मत की दुकाने सरकारी भुमी में खोले हुए है। जिससे रोड एंव हाट सिकुड़ गया है और रास्ता सिमट जाने से वाहन आने जाने में काफी परेशानी होती हैं। जिससे सरकार को लाखों आय की क्षती हो रही है जो अतिक्रमण माफियाओं के जेब में जा रहा है। इस तरह सरकार के पक्ष में आवाज बुलंद करने वाले विनय कुमार सिंह न्यायालय के आदेश के बाद भी सरकारी अधिकारियों के उपेक्षा के कारण अभी तक न्याय से बंचित है और परेशानी झेलने और आर्थिक हानी उठाने के बावजूद भी हिम्मत नही हारे है। इस मामले को पुनः अवमानना वाद के रुप में माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष ले जाने की तैयारी कर रहे है।