Ramnath Vidrohi
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*श्री प्रेमचंद मिश्र जी*
*नेशनल मीडिया पैनलिस्ट, एआईसीसी और पूर्व सदस्य, बिहार विधान परिषद के प्रेस वार्ता का मुख्य बिंदु*
*शनिवार, 21 जून, 2025*
भाजपा-जेडीयू सरकार ने किया बिहार को बर्बाद : सीरीज - 1
बिहार कांग्रेस कमेटी एक अभियान प्रारंभ कर रही है, जिसका शीर्षक है:
‘भाजपा-जेडीयू सरकार द्वारा बिहार को बर्बाद किए जाने की कहानी - मोदी सरकार एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की जुबानी’
इस अभियान के तहत बिहार की अर्थव्यवस्था, विकास, सामाजिक न्याय और सौहार्द को किस प्रकार नष्ट किया गया, इसकी प्रमाणिक रिपोर्टें मीडिया के समक्ष प्रस्तुत की जाएंगी। ये रिपोर्टें स्वयं मोदी सरकार या किसी प्रतिष्ठित संस्था द्वारा तैयार की गई हैं।
सामाजिक और आर्थिक मोर्चे पर फिसड्डी बिहार : CARE Ratings की रिपोर्ट
आज इस क्रम में हम ग्लोबल रेटिंग एजेंसी CARE Ratings द्वारा जारी सामाजिक एवं आर्थिक विकास के मानकों पर आधारित भारतीय राज्यों की रैंकिंग रिपोर्ट का सार प्रस्तुत कर रहे हैं।
20 वर्षों से भाजपा-जेडीयू की सरकार के शासन में बिहार की स्थिति इतनी बदहाल हो गई है कि वह देश के बड़े राज्यों में सबसे निचले पायदान पर पहुंच गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, सामाजिक एवं आर्थिक विकास के सभी प्रमुख मानकों पर बिहार, देश के 17 बड़े राज्यों में सबसे नीचे रहा है। CARE Ratings द्वारा जारी ‘Social and Economic Development Index’ में बिहार को न्यूनतम स्कोर प्राप्त हुआ है।
इस रैंकिंग में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, बुनियादी ढांचे और आर्थिक गतिविधियों जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
देश में सबसे पिछड़ा बिहार
बिहार का मूल्यांकन 7 प्रमुख स्तंभों और 50 संकेतकों के आधार पर किया गया:
अर्थव्यवस्था, आर्थिक विकास, राजकोषीय प्रबंधन, अधोसंरचना, सामाजिक विकास, सुशासन और पर्यावरण।
इन मापदंडों पर बिहार का कुल स्कोर मात्र 34.8 अंक रहा, जिससे बिहार का समग्र प्रदर्शन 17 बड़े राज्यों में सबसे अंतिम (17वां स्थान) रहा।
1. स्वास्थ्य और शिक्षा में भारी गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंताजनक है।
• मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर अब भी काफी अधिक है।
• प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में बिहार अन्य राज्यों की तुलना में बहुत पीछे है।
• रोजगार सृजन और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में भी राज्य का प्रदर्शन बेहद कमजोर पाया गया।
2. आर्थिक मोर्चे पर भी फिसड्डी
राज्य सरकार द्वारा प्रचारित आर्थिक विकास और निवेश की बात रिपोर्ट में खोखली साबित हुई।
• अन्य राज्यों की तुलना में औद्योगिक विकास और प्रति व्यक्ति आय में बिहार सबसे फिसड्डी है।
• राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से भी बिहार पिछड़ गया है।
विभिन्न स्तंभों पर बिहार की स्थिति
राजकोषीय स्तंभ (Fiscal Pillar)
• रैंक: 17वां (सबसे अंतिम)
• राजकोषीय संतुलन, ब्याज भुगतान अनुपात, ऋण प्रबंधन और देनदारियों जैसे मामलों में बिहार का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा।
• यह सरकार के वित्तीय संसाधनों के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की ओर संकेत करता है।
3. अधोसंरचना स्तंभ (Infrastructure Pillar)
• रैंक: 17वां (सबसे अंतिम)
• बिजली की प्रति व्यक्ति उपलब्धता, रेलवे घनत्व, सिंचाई सुविधाएँ, स्कूलों में शिक्षक अनुपात और स्वास्थ्य सेवाओं में भारी खामियाँ पाई गईं।
4. वित्तीय विकास स्तंभ (Financial Development Pillar)
• रैंक: 15वां
• बैंकिंग सेवाओं, एनबीएफसी ऋण वितरण, बीमा और म्यूचुअल फंड्स की पहुँच जैसे क्षेत्रों में प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा।
5. सामाजिक स्तंभ (Social Pillar)
• रैंक: 15वां
• मानव विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण के मामलों में प्रदर्शन बेहद असंतोषजनक रहा।
6. शासन स्तंभ (Governance Pillar)
• रैंक: 16वां
• न्यायिक प्रणाली की दक्षता, ई-सेवाओं की पहुँच और व्यावसायिक माहौल में बिहार पिछड़ा हुआ है।
• न्यायिक प्रक्रिया की धीमी गति और प्रशासनिक विफलताओं की ओर भी रिपोर्ट इशारा करती है।
7. पर्यावरण स्तंभ (Environment Pillar)
• रैंक: 16वां
• वायु गुणवत्ता, वन क्षेत्र और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा।
अर्थात्
CARE Ratings की रिपोर्ट इस बात का ठोस प्रमाण है कि पिछले दो दशकों में भाजपा-जेडीयू गठबंधन सरकार ने बिहार को सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक रूप से गहरे संकट में डाल दिया है।
बिहार आज देश के सबसे बड़े राज्यों में सबसे कमजोर स्थिति में खड़ा है, और इसका ज़िम्मेदार केवल और केवल भाजपा जेडीयू सरकार की विफल शासन प्रणाली, भ्रष्टाचार और विकास विरोधी नीतियाँ हैं।
इस रिपोर्ट के माध्यम से स्पष्ट है कि बिहार को विकास की राह पर पुनः लाने के के लिए सत्ता परिवर्तन और नीतिगत क्रांति अनिवार्य है।
जो इंडिया गठबंधन लेकर आएगा ।
प्रेस वार्ता में मीडिया चेयरमैन राजेश राठौड़, सोशल मीडिया के चेयरमैन सौरभ सिन्हा , असित नाथ तिवारी , शशांक शेखर , शिशिर कौंडिल्य , ज्ञान रंजन मौजूद थे।