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शरीर, मन और भावनाओं में संतुलन का साधन है योग।

शरीर, मन और भावनाओं में संतुलन का साधन है योग।
Ramnath Vidrohi
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शरीर, मन और भावनाओं में संतुलन का साधन है योग।
              अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आदर्श चेतना सेवा संस्थान, हाजीपुर की ओर से दिग्घी खुर्द स्थित संत बाल हंस पब्लिक स्कूल के परिसर में योग शिविर आयोजित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक शिव बच्चन राय ने कहा कि हमें स्वस्थ रहने के लिए अनिवार्य तौर पर योग करने की जरूरत है।सभी लोग अपने दिनचर्या में योग को शामिल करें । व्यवहारिक स्तर पर योग शरीर ,मन और भावनाओं में संतुलन और सामंजस स्थापित करता है । शिविर का संचालन करते हुए संस्था सचिव रागिनी भारती ने कहा कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विषय" एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग है।"  स्वस्थ रहने के लिए आधे घंटे निश्चित रूप से प्रत्येक दिन योग करना जरूरी है । शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जिस तरह योग करना जरूरी है उसी तरह से पृथ्वी के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी पर्यावरण को संतुलित रखना जरूरी है।फिटनेस का डोज आधा घंटा रोज करें । करें योग ,रहे निरोग । इस अवसर पर शिक्षक शैलेंद्र झा ने कहा कि योग हमारे शारीरिक, प्राणिक ,मानसिक ,भावनात्मक और आध्यात्मिक सभी पहलुओं को प्रभावित करता है। योग सम्यक जीवन का विज्ञान है।  इस अवसर पर शिक्षक रोहन कुमार ने उपस्थित लोगों ,शिक्षकों एवं बच्चों को योगाभ्यास कराया। इन्होंने कई प्रकार के आसन, प्राणायाम ,अनुलोम- विलोम, कपालभांति का अभ्यास कराया। इस योग शिविर में दीपमाला कुमारी ,रश्मि कुमारी,मोना मैंम, नेहा देवी, निशा कुमारी, अंजली कुमारी, नेहा कुमारी ,अनमोल राज ,आकृति कुमारी सहित संस्था के स्वयंसेवियों एवं विद्यालय के बच्चों ने भाग लिया।