Ramnath Vidrohi
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उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं/कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक
-बैठक में टीबी मुक्त पंचायत पहल कार्यक्रम के तहत छ: सूचकांकों पर सही उतरे 8 पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया
मुजफ्फरपुर। उप विकास आयुक्त श्री श्रेष्ठ अनुपम की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं/कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक समाहरणालय सभागार में की गई।
जिले के सरैया प्रखंड के ग्राम पंचायत गिजास, खैरा एवं अमैठा, बंदरा प्रखंड के ग्राम पंचायत तेपरी, कटरा प्रखंड के ग्राम पंचायत लखनपुर, मड़वन प्रखंड के ग्राम पंचायत जियानखुर्द, गायघाट के ग्राम पंचायत रामनगर एवं बाघाखाल, उक्त प्रखंडों के कुल आठ पंचायत को टीबी मुक्त पंचायत घोषित किया गया है।
इन सभी आठ पंचायत के मुखिया को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर उप विकास आयुक्त द्वारा सम्मानित किया गया।
बैठक में उप विकास आयुक्त ने आकांक्षी प्रखंड मुसहरी को सबसे पहले टीबी मुक्ति से सैच्यूरेट करने का निर्देश दिया।
बैठक में एईएस अभियान की भी समीक्षा की गई। बैठक में अवगत कराया गया कि इस वर्ष मुजफ्फरपुर में अब तक 13 केस पाए गए हैं। सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज के उपरांत सुरक्षित घर वापस लौट गए हैं। बैठक में अवगत कराया गया कि एईएस के जागरूकता अभियान के तहत प्रत्येक शनिवार को संध्या चौपाल का आयोजन जारी है । इस अभियान के तहत घर-घर भ्रमण कर लोगों को चमकी की तीन धमकी के अंतर्गत- खिलाओ, जगाओ और अस्पताल ले जाओ से अवगत कराते रहने का निर्देश दिया गया। सरकारी अस्पतालों में ट्रेंड डॉक्टरों द्वारा एईएस का इलाज गुणवत्तापूर्ण रूप से किया जा रहा है। दर्पण एप्प से डॉक्टरों की प्रभावी मॉनिटरिंग भी की जा रही है।
जिले के नवजात शिशु एवं छोटे बच्चों को शत प्रतिशत टीकाकरण से आच्छादित करने का निर्देश दिया गया। टीकाकरण में विगत वर्ष 97% उपलब्धि रहा है। इस वर्ष जेई टीकाकरण के लिए सक्रिय एवं तत्पर होकर कार्य करने का निर्देश दिया गया। संपूर्ण टीकाकरण में 80% से कम उपलब्धि वाले प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण करने का निर्देश दिया गया। गर्भवती महिलाओं का एएनसी में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। एएनसी में खराब प्रदर्शन के आधार पर बोचहा, सरैया ,औराई से स्पष्टीकरण करने का निर्देश दिया गया। संस्थागत प्रसव में भी अपेक्षित सुधार लाने को कहा गया।
एनीमिया मुक्त भारत के लिए आईसीडीएस एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों से समन्वय बनाकर आयरन की दवा का वितरण प्रभावी रूप से करने का निर्देश दिया गया।