Ramnath Vidrohi
Views: 288
वक्फ बिल का समर्थन कर चिराग ने अपने पिता के सिद्धांत व सपने को तोड़ा -पशुपति पारस
हाजीपुर।चिराग पासवान ने अपने पिता के सपने और सिद्धान्तों के विरुद्ध वक्फ बिल का समर्थन किया।
पशुपति पारस ने कहा कि बिल का सपोर्ट करके चिराग पासवान अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध काम किया है, जो अपने पिता को भगवान मानता है, उसने अपने पिता की इच्छा के विरोध में लोकसभा में बिल का सपोर्ट किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस हाजीपुर परिषदन में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।
वफ्फ बिल का विरोध करते हुए पुशपति पारस ने कहा कि जो अकलियत की साथी हैं,उनके साथ अन्याय हुआ है।भारत एक बगीचा है, जिसमें सभी प्रकार के फूल खिलते हैं, जिसमें सभी धर्म के लोग हैं।सबका अपना मौलिक अधिकार है।भारत के बगीचे में सभी फूलों को खिलना चाहिए। बड़े भाई पद्मश्री स्व रामविलास पासवान ने जीवन भर इसका पुरजोर समर्थन करते रहे,आवाज उठाते रहे।उन्होंने कहा कि लोकसभा में जिस तरीके से बिल आया है और राज्यसभा में भी बिल पास हुआ है, मैं और मेरी पार्टी खुलकर विरोध करती है।
एक प्रश्न के उत्तर में श्री पारस ने कहा कि दल बंट गया तो जुड़ सकता है, लेकिन दिल बंट गया, तो नहीं जुड़ता है। वे भी चाहते है कि घर से लेकर दिल्ली तक संपत्ति का बंटवारा होना चाहिए. घर शहरबनी, खगड़िया, पटना और दिल्ली तक का संपत्ति का बंटवारा हो। संपत्ति विवाद पर श्री परस ने कहा की राजनीति साजिश के तहत हो रहा है और कुछ ही दिनों में सब कुछ साफ हो जाएगा की कितनी झुठी कहानी गढ़ी गई है।
श्री पारस ने कहा कि उनकी बड़ी भाभी, जिन्हें वे बड़ी मां मानते हैं, 50 सालों से खगड़िया के घर में रह रही हैं। यह पैतृक संपत्ति है, जहां तीनों भाई के परिवार रहते हैं। हम राम, लक्ष्मण, भरत के तरह रहते थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह राजनीतिक मन भेद का मामला है। पारस ने स्व.रामविलास पासवान की पत्नी राजकुमारी देवी के बारे में कहा कि वह पढ़ी-लिखी नहीं हैं और थाने में जो शिकायत दर्ज हुई है, उसमें उनका अंगूठा लगवाया गया है। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है।
इस मौके पर दलित सेवा के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम कुमार दाहा ,पूर्व सांसद प्रतिनिधि प्रमोद कुमार सिंह, शिवनाथ पासवान,चन्दन कुमार सहित पार्टी के अनेक पदाधिकारी थे।