Ramnath Vidrohi
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राज्य से आई टीम ने जिले में एईइस (चमकी) से संबंधित तैयारियों को परखा
-चार स्वास्थ्य संस्थानों का किया दौरा
-दवाओं और उपकरणों से संबंधित जरूरी निर्देश दिए
शिवहर। अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी वेक्टर जनित रोग, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी आरबीएसके एवं दो शिशु रोग विशेषज्ञ सहित राज्य स्तर से गठित कुल चार सदस्यीय दल द्वारा शिवहर जिले के चार संस्थानों यथा सदर अस्पताल शिवहर, सीएचसी पिपराही, पीएचसी पुरनहिया एवं सीएचसी तरियानी में एईएस के प्रभावी नियंत्रण हेतु की गई आवश्यक तैयारियों की गहन जांच की गई। सिविल सर्जन, डीभीबीडीसीओ एवं डीभीबीडीसी इस दौरान दल के साथ रहे। सभी संस्थानों में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ उनकी पूरी टीम उपस्थित रही और तैयारियों पर जानकारी से विस्तार पूर्वक दल को अवगत कराया।
जांच दल ने एईएस के तैयारियों के लिए जिला के प्रयास को काफी सराहा एवं कुछ आवश्यक सुझाव भी दिए। जिसे सभी संस्थानों को शेयर कर दिया जाएगा और अविलंब उसके अनुरूप तैयारी पूरी कर ली जाएगी।
चमकी को धमकी-
1. खिलाओ: बच्चों को रात में सोने से पहले जरूर खाना खिलाओ
2 जगाओ: सुबह उठते ही बच्चों को भी जगाओ। देखो, कहीं बेहोशी या चमक तो नहीं
3 अस्पताल ले जाओ: बेहोशी या चमक दिखते ही तुरंत एंबुलेंस या नजदीकी गाड़ी से अस्पताल ले जाओ।
चमकी बुखार:- (एईएस)
-चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए बच्चों को
तेज धूप से दुर रखे।
-अधिक से अधिक पानी, ओआरएस अथवा नींबू-पानी-चीनी का घोल पिलाएं।
-हल्का साधारण खाना खिलाएं, बच्चों को जंक-फूड से दुर रखे।
-खाली पेट कोई भी फल ना खिलाएं।
-रात को खाने के बाद थोड़ा मीठा ज़रूर खिलाएं।
-घर के आसपास पानी जमा न होने दे।
-रात को सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करे।
-पूरे बदन का कपड़ा पहनाएं।
-सड़े-गले फल का सेवन ना कराएं, ताजा फल ही खिलाएं।
-बच्चों को दिन में दो बार स्नान कराएं।
लक्षण (बच्चों को):-
-सिर दर्द, अचानक तेज बुखार आना।
-हाथ पैर मे अकड़ आना/टाईट हो जाना।
-बेहोश हो जाना।
-बच्चो के शरीर का चमकना/शरीर का कांपना।
-बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक संतुलन ठीक नहीं होना।
-गुलकोज़ का शरीर मे कम हो जाना।
-शुगर कम हो जाना। ईत्यादि।