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सूबे की 75 से 80 प्रतिशत एएनएम लेने लगीं अनमोल एप का सहयोग

सूबे की 75 से 80 प्रतिशत एएनएम लेने लगीं अनमोल एप का सहयोग
Ramnath Vidrohi
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सूबे की 75 से 80 प्रतिशत एएनएम लेने लगीं अनमोल एप का सहयोग  

- गर्भवतियों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग और डेटा संधारण बना आसान
- डिजिटलाइजेशन विस्तार ने मातृ स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाई 

पटना: स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण के बाद राज्य की 75 से 80 प्रतिशत एएनएम अनमोल एप का नियमित उपयोग कर रही हैं। पूर्णिया जिले की 100% एएनएम अनमोल एप का उपयोग कर रही हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 24 मार्च 2025 तक 16 लाख 93 हजार 574 गर्भवती महिलाएं अनमोल एप और 24 हजार 600 गर्भवती आरसीएच पोर्टल पर पंजीकृत हुई हैं। अनमोल एप और आरसीएच पोर्टल से मातृ मृत्यु, सामान्य और सिजेरियन प्रसव, घरेलू और संस्थागत प्रसव, कम उम्र में गर्भधारण और उच्च जोखिम प्रसव की रियल-टाइम ट्रैकिंग संभव हुई है। इससे गैप असेसमेंट, योजना निर्माण और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
मातृ स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि डिजिटल टूल्स ने गर्भवती महिलाओं की समय पर ड्यू लिस्ट और नवजात शिशुओं को 42 दिनों तक प्रदान की जाने वाली सेवाओं का पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराया है। इससे सतत निगरानी, सेवा वितरण में सुधार और मां और बच्चे दोनों के लिए आवश्यक देखभाल सुनिश्चित हुई है, जिसके परिणामस्वरूप मातृ और नवजात जटिलताओं में कमी आई है और इससे बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं। 
यूनिसेफ की मातृ और पोषण अधिकारी संदीप घोष मानते हैं कि डिजिटल टूल्स ने मातृ स्वास्थ्य को सशक्त बनाते हुए सेवाओं की पहुंच में सुधार किया है, उच्च जोखिम गर्भधारण को ट्रैक किया है, समय पर देखभाल सुनिश्चित की है और वास्तविक समय में निगरानी सक्षम की है, जिससे मातृ जटिलताओं और मृत्यु दर में कमी आई है। वहीं, एम्स पटना की डॉ. मोनिका अनंत भी मानती हैं कि डिजिटल टूल्स के नवाचारों से स्वास्थ्य सेवाओं की दक्षता बढ़ी है। पूर्णिया जिले के एचएससी मेखर खमेला की एएनएम गुंजना कुमारी ने माना कि अनमोल एप और आरसीएच पोर्टल के माध्यम से अब हर जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध है। इससे गर्भवतियों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग और डेटा संधारण आसान हो गया है।