Monday, Jun 23, 2025 | Time 03:06 Hrs(IST)
 logo img

स्टेट टीम ने जिले में एईइस से संबंधित तैयारियों का लिया जायजा

स्टेट टीम ने जिले में एईइस से संबंधित तैयारियों का लिया जायजा
Ramnath Vidrohi
Views: 41

स्टेट टीम ने जिले में एईइस से संबंधित तैयारियों का लिया जायजा

- जीएमसीएच, सीएचसी मझौलिया, नौतन, चनपाटिया का किया निरीक्षण 
- संस्थान में 24 घंटे जाँच के साथ दवाओं की उपलब्धता के दिए निर्देश

बेतिया, 
एईइस से संबंधित तैयारियों का जायजा लेने हेतु अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने राज्य स्तर से गठित दल के साथ जिले के जीएमसीएच (बेतिया), सीएचसी मझौलिया, नौतन, चनपाटिया के एईएस वार्ड का निरीक्षण किया। टीम ने स्वास्थ्य संस्थानों में 24 घंटे जाँच के साथ दवाओं की उपलब्धता के निर्देश दिए। इस मौके पर जीएमसीएच के उपाधीक्षक, डीभीबीडीसीओ एवं भीडीसीओ टीम के साथ मौजूद रहे। सभी संस्थानों में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ उनकी पूरी टीम उपस्थित रही और तैयारियों से विस्तारपूर्वक टीम को अवगत कराया। निरीक्षण दल ने एईएस की तैयारियों के लिए जिला के प्रयास को सराहा साथ ही आवश्यक सुझाव भी दिए। एईएस से पीड़ित बच्चों के इलाज हेतु जीएमसीएच में 30 बेड के साथ 44 तरह की दवाएं एवं 16 टाइप के इक्विपमेंट मौजूद हैं। चनपटिया, नौतन, मझौलिया में 2 बेड, 28 तरह की दवाएँ, 14 प्रकार के इक्विपमेंट उपलब्ध हैं।
अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा कि चमकी को धमकी देने के लिए प्रचार प्रसाद जरुरी है। इस बात को लोगों को बताएँ कि बच्चों को रात में सोने से पहले जरूर खाना खिलाओ, सुबह उठते ही बच्चों को भी जगाओ। देखो, कहीं बेहोशी या चमक तो नहीं, अगर कोई समस्या हो या बेहोशी या चमकी दिखते ही तुरंत एंबुलेंस या नजदीकी गाड़ी से अस्पताल ले जाओ।
इस मौके पर स्टेट मॉनिटरिंग टीम में डॉ आरएन चौधरी, निदेशक प्रमुख डॉ नरेंद्र कुमार  सिन्हा, जीएमसीएच अधीक्षक डॉ सुधा भारती, डॉ दिवाकांत मिश्रा, डीभीडीसीओ डॉ एनके प्रसाद, डॉ अनुपम प्रसाद, डॉ अमरीश, डॉ प्रदीप, भीडीसीओ गणेश कुमार, प्रशांत कुमार, सुशांत कुमार, भीबीडीएस सुजीत वर्मा, प्रकाश कुमार व अन्य लोग उपस्थित थे।

चमकी बुखार (एईएस) से बचाव ऐसे करें 

- बच्चों को तेज धूप से दूर रखें।
- अधिक से अधिक पानी, ओआरएस अथवा नींबू-पानी-चीनी का घोल पिलाएं।
- हल्का साधारण खाना खिलाएं, बच्चों को जंक-फूड से दूर रखें।
- खाली पेट कोई भी फल ना खिलाएं।
- रात को खाने के बाद थोड़ा मीठा ज़रूर खिलाएं।
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
- रात को सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- पूरे बदन का कपड़ा पहनाएं।
- सड़े-गले फल का सेवन ना कराएं, ताजा फल ही खिलाएं।
- बच्चों को दिन में दो बार स्नान कराएं।