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परिवार नियोजन काउंसलिंग स्किल पर दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

परिवार नियोजन काउंसलिंग स्किल पर दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
Ramnath Vidrohi
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परिवार नियोजन काउंसलिंग स्किल पर दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

- डोर टू डोर कैंपेन चलाकर स्वास्थ्य कर्मी अस्थाई व स्थाई साधन अपनाने के लिए कर रहें है जागरूक

बेतिया। 28 मार्च 
शहर के एक निजी सभागार में परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य कर्मियों की काउंसलिंग स्किल बेहतर करने को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण शिविर का आयोजन एसीएमओ डॉ रमेश चंद्र की अध्यक्षता में किया गया। मौके पर डॉ चंद्रा के द्वारा बताया गया कि काउंसलिंग स्किल बेहतर होने पर ही लोग अस्थाई व स्थाई साधन के उपयोग को एवं बढ़ती जनसंख्या के कुप्रभाव को समझते हुए बास्केट ऑफ चॉइस के साधनों का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा की अच्छी क्वालिटी की सर्विसेज तभी समुदाय में पहुंचेगी जब क्लाइंट का बहुत अच्छे ढंग से काउंसलिंग किया जाए। हेल्थ प्रोवाइडर मेथड को चुनने में दंपति की अच्छे से काउंसलिंग करते हुए सपोर्ट करे, 
वहीं जिले के डीसीएम राजेश कुमार के द्वारा बताया गया कि वर्तमान में परिवार नियोजन पखवाड़ा चल रहा है इस पखवाड़े के दौरान डोर टू डोर कैंपेन चलकर स्वास्थ्य कर्मी लोगों को अस्थाई और अस्थाई परिवार नियोजन की प्रक्रिया अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। आशा कार्यकर्ता डोर टू डोर सर्वे करते हुए लोगों को जन जागरूकता अभियान के तहत प्रेरित करें।पीएस आई इंडिया के जिला प्रतिनिधि राकेश कुमार के द्वारा परिवार नियोजन के प्रत्येक अस्थाई एवं स्थाई मेथड के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई  प्रत्येक मेथड को एक-एक कर विस्तृत रूप से बताया गया।

सास-बहू-बेटी सम्मेलन का आयोजन जरुरी:

डीसीएम राजेश कुमार ने बताया कि आरोग्य दिवस पर वर्ष में एक बार एवं आंगनबाड़ी केन्द्र पर पखवाड़ा/अभियान के दौरान सास-बहू-बेटी सम्मेलन का आयोजन किया जाना जरुरी है। जिन केन्द्रों पर पूर्व में सास बहु बेटी सम्मेलन का आयोजन नहीं हुआ हो तो वैसे केन्द्रों पर माह मार्च 2025 में सास बहु बेटी सम्मेलन का आयोजन किया जाना आवश्यक है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान अंतरा, गर्भनिरोधक गोलियां, माला एन, कंडोम के बारे में आशा, एएनएम द्वारा जागरूक करते हुए समझाकर उपलब्ध कराया जाएगा।

नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपये दिए जाएंगे:

डीसीएम ने बताया कि सरकारी अस्पताल में निशुल्क सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। साथ ही आर्थिक सहायता भी दी जाती है। नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपये एवं महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 रुपये की प्रोत्साहन की राशि लाभार्थियों के खाते में भेजी जाती है

मौके पर एसीएमओ डॉ रमेश चंद्रा, डीसीएम राजेश कुमार, स्वास्थ्य संस्थानों से आए हुए एएनएम, सीएचओ एवं पीएसआई इंडिया, पिरामल स्वास्थ्य के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।