Ramnath Vidrohi
Views: 40
*विश्व श्रवण दिवस*
-----------------
बहरेपन और श्रवण हानि से बचाव के लिए समय पर जाँच जरुरी: डॉ मूर्तजा अंसारी
- हर वर्ष 03 मार्च को विश्व श्रवण दिवस यानी वर्ल्ड हियरिंग डे मनाया जाता है।
- गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में जाँच शिविर का आयोजन
बेतिया। 03 मार्च
लोगों में बहरेपन की बढ़ रही समस्याओं के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर वर्ष 03 मार्च को विश्व श्रवण दिवस यानी वर्ल्ड हियरिंग डे मनाया जाता है। इस दौरान लोगों को बहरेपन और श्रवण हानि से बचाव के लिए समय पर जाँच करवाने की सलाह दी जाती है। ये कहना है गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मूर्तजा अंसारी का। उन्होंने बताया की प्रत्येक वर्ष, डब्लूएचओ थीम तय करता है और साक्ष्य-आधारित समर्थन सामग्री जैसे पोस्टर, बैनर, ग्राफिक्स और प्रस्तुतियां विकसित करता है। इन सामग्रियों को दुनिया भर में सरकार और नागरिक समाज के साथ-साथ डब्लूएचओ क्षेत्रीय और देश के कार्यालयों में भागीदारों के साथ साझा किया जाता है। भारत के 6.3% आबादी सुनने के क्षमता में गंभीर कमी एवं बहरेपन की समस्या का शिकार है। गैर संचारी रोग विभाग द्वारा इस अवसर पर कई तरह की जाँच भी की जाती है।
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में लगाया गया कैंप:
डॉक्टर मुर्तजा अंसारी ने बताया की विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया के एनसीडी ओपीडी में सभी मरीजों को श्रवण संबंधी जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया की ज्ञानेंद्रिय के प्रति गंभीरता से ध्यान देना आवश्यक है क्योंकि पूरी दुनिया में 360 मिलियन लोग बहरेपन की अक्षमता से पीड़ित हैं। विश्व श्रवण दिवस प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को दुनिया भर में बहरेपन और श्रवण हानि को रोकने एवं कान और सुनने की क्षमता के देखभाल को बढ़ावा देने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित किया जाता है। डॉ अंसारी ने बताया की जन्मजात सुनने में अक्षम बच्चों के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निशुल्क ऑपरेशन और कॉकलियर ट्रांसप्लांट जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। सरकारी स्तर पर ये सुविधाएं मरीजो को निःशुल्क उपलब्ध है। एसीएमओ डॉ रमेश चंद्रा ने कहा की कान श्रवण के लिए एक महत्वपूर्ण अंग है, और इसकी देखभाल आवश्यक है। बच्चों की निगरानी करना और यह सुनिश्चित करना कि वे सुनने में सक्षम हैं या नहीं, बहुत जरूरी है। यदि शुरू में ही समस्या का पता चल जाए तो इलाज में असानी होती है।
मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्र, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मुर्तजा अंसारी, डॉ अभिजित, डॉ सोनाली, डॉ वसुंधरा, डॉ रमेश चंद्र, कन्हैया कुमार, सभी कैंसर यूनिट और एनसीडी स्क्रीनिंग यूनिट के कर्मचारी चंद्रकिशोर कुमार, पीएसआई इण्डिया के प्रताप सिंह कोश्यारी उपस्थित थे।