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*प्रगति की ओर अग्रसर जमुनी लाल महाविद्यालय।*

*प्रगति की ओर अग्रसर जमुनी लाल महाविद्यालय।*
Ramnath Vidrohi
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*प्रगति की ओर अग्रसर जमुनी लाल महाविद्यालय।*
*महाविद्यालय में मनाया गया जयन्ती समारोह*
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आज शहर के  जमुनी लाल महाविद्यालय, हाजीपुर (वैशाली) में मुख्य अतिथि माननीय विधायक हाजीपुर अवधेश सिंह, विशिष्ठ अतिथि प्रो (डॉ) चन्द्रशेखर प्रसाद , विभागाध्यक्ष, स्नातकोत्तर गणित विभाग, बी आर ए, बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, अतिथि  प्रो नवल किशोर शर्मा की उपस्थिति में जमुनी लाल राय जयंती समारोह का अयोजन महाविधालय प्रांगण में किया गया। इस अवसर पर डॉ नंद किशोर प्रसाद, प्राचार्य, जमुनी लाल महाविद्यालय, हाजीपुर (वैशाली) की अध्यक्षता में सर्वप्रथम जमुनी लाल राय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। उपस्थित सभी अतिथियों, शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मियों और छात्र/ छात्राओं का स्वागत महाविधालय की छात्रा अंशु कुमारी ने स्वागत गान से किया। प्राचार्य द्वारा सभी अतिथियों को अंग वस्त्र और पुष्पगुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया गया। माननीय विधायक ने महाविद्यालय के शिक्षकों को याद करते हुए शिक्षक और छात्र के बीच घनिष्ठता को बतलाया लेकिन साथ ही साथ वर्तमान परिवेश में शिक्षक छात्र संबंध के बीच दूरी पर चिंता जाहिर किया। महाविद्यालय नित्य नई ऊंचाई को छुए इसके लिए सहयोग का भरोसा भी दिलाया। महाविधालय के सेवानिवृत पूर्व प्रभारी प्राचार्य डॉ उपेंद्र प्रसाद सिंह ने अपने संबोधन में महाविधालय के सतत विकाश को बताते हुए अपने कार्यकाल में किए गए कार्य को बतलाया। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व प्राचार्य डॉ बी नारायण द्वारा महाविधालय में किए गए सुधार जैसे ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा को याद किया। श्री सोनफी राय जी ने महाविधालय की स्थापना से लेकर मान्यता प्राप्ति के दौरान उत्पन्न चुनौतियों और संघर्ष का विसद वर्णन किया। किन किन परिस्थितियों और बाधा को पार कर आज यह महविद्यालय इस मुकाम पर पहुंचा है और वैशाली जिले में शिक्षा का अलघ जला रहा है। प्रो डॉ चन्द्रशेखर प्रसाद ने महाविद्यालय का सन 1969 में स्थापना और 1980 में सरकार द्वारा मान्यता प्राप्ति के बाद वर्तमान समय में महाविद्यालय कैसे आगे बढ़े इस पर बल देते हुए सहयोग प्रदान करने की बात कही। प्रो शर्मा ने शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को मिलकर कार्य करने पर बल दिया ताकि महाविद्यालय का विकाश किया जा सके। प्रो डॉ रामानंद सिंह ने जयंती की महत्ता और महाविद्यालय की स्थापना के संघर्ष को याद किया। डॉ शंकर पासवान और रामजन्म राय जी ने भी अपने संबोधन में महाविधालय की जमीन की चहारदीवारी की बात कही। अंत में प्राचार्य ने जमुनी लाल राय जी और उनके परिवार के सदस्यों की दूरदर्शिता, त्याग और शिक्षा के प्रति समर्पण को नमन करते हुए सभी के लिए अनुकरणीय है, पर बल दिया। उन्होंने इस अवसर पर महाविद्यालय की स्थापना में सहयोग प्रदान करने वाले भू दाताओं को भी नमन किया। स्व बसकित राय, डॉ राम बालक राय, भूतपूर्व संस्थापक प्राचार्य, पूर्व प्राचार्य डॉ दशरथ राय, श्री रामाधार राय के सहयोग, समर्थन और कार्य को याद किया। उन्होंने उपस्थित सभी अतिथियों, शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों से सहयोग की अपेक्षा जाहिर की ताकि महाविद्यालय का विकाश किया जा सके। सभी को धन्यवाद ज्ञापित कर जलपान के लिए आमंत्रित कर समारोह का समापन किया। इस अवसर पर डॉ एम खानम, जावेद अहमद खान , प्रदीप सिंह, निधी रस्तोगी, धर्मेंद्र कुमार सिंह, रजनीश कुमार, अमरेंद्र कुमार, देवेंद्र कुमार, दिवाकर जी, बलराम प्रसाद सिंह, राम इकबाल राय, दीपक, संजय, अमितेश, समरेंद्र, श्याम बाबू राय , शंभू आदि मौजूद रहे। इस समारोह का संचालन डॉ छोटेलाल गुप्ता और समन्वय डॉ रजनीश कुमार ने किया।