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हाथी पांव से बचाव हेतु जेलर के साथ कैदियों को खिलाई गयी सर्वजन दवा

हाथी पांव से बचाव हेतु जेलर के साथ कैदियों को खिलाई गयी सर्वजन दवा
Ramnath Vidrohi
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हाथी पांव से बचाव हेतु जेलर के साथ कैदियों को खिलाई गयी सर्वजन दवा

- मंडल कारा बेतिया के 1 हजार 390 कैदियों और जेलकर्मियों ने खाई दवा
- फाइलेरिया रोग से बचाव के लिए जरूरी है सर्वजन दवा: जेल अधीक्षक 

बेतिया। 25 फ़रवरी 
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिले के 14 प्रखंडों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान चलाया जा रहा है। इस क्रम में मंगलवार को मंडल कारा बेतिया (पश्चिमी चंपारण) में जेलर सहित 1 हजार 390 कैदियों एवं कर्मचारियों व 7 बच्चों को फाइलेरिया (हाथी पाँव) से बचाव को सर्वजन दवा खिलायी गई। कारा अधीक्षक अमरजीत कुमार सिंह, जेल उपाधीक्षक रामानुज राम और अभिषेक कुमार की देखरेख में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की टीम द्वारा महिला व पुरुष कैदियों को उम्र अनुसार निर्धारित डोज के अनुसार दवा खिलाई गई। 

फाइलेरिया रोग से बचाव के लिए जरूरी है सर्वजन दवा का सेवन:

इस मौके पर कारा अधीक्षक ने कहा कि फाइलेरिया जैसे गम्भीर रोग से बचाव के लिए सर्वजन दवा का सेवन जरूरी है। सर्वजन दवा का सेवन कर मंडल कारा बेतिया के कैदी अब सुरक्षित हो गए हैं। पहले भी कैदियों को दवा का सेवन कराया गया था, इसबार भी स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर दवा सेवन करने को यह टीम फाइलेरिया की दवाओं के साथ जिला कारागार में पहुंची। कैदियों को दवा खिलाने से पहले इस बात की पड़ताल की गई कि दवा खाने वालों में कोई खाली पेट या गंभीर रोग से पीड़ित न हो। 

लगातार 5 वर्ष दवा सेवन करने पर होंगे सुरक्षित:

पिरामल के डीएल राजू सिंह ने बताया कि कैदियों को इस बात की भी जानकारी दी गई कि लगातार पांच साल तक (साल में एक बार चलने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के दौरान) फाइलेरिया की दवा खाने के बाद किसी के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होते भी हैं तो वह समाप्त हो जाते हैं।

अफवाहों से बचे किसी तरह की समस्या हो तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से सम्पर्क करें: 

जिले के भीडीसीओ प्रशांत कुमार ने बताया की खाली पेट दवा न खाने की लोगों को सलाह दी गईं है, ताकि किसी भी तरह की दिक्कत न हो, वहीं अगर किसी को समस्या हो तो नजदीकी अस्पताल जाकर स्वास्थ्य जाँच करवाना चाहिए और अफवाहों से बचना चाहिए। स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही दवा खानी है।  02 से 5 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। एलबेंडाजोल का सेवन चबाकर किया जाना है। खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है। वहीं केवल गर्भवती महिलाओं, दो साल से कम उम्र के बच्चों एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को यह दवा सेवन नहीं करनी है। 

मौके पर जेल अधीक्षक अमरजीत कुमार सिंह, जेल उपाधीक्षक रामानुज राम, अभिषेक कुमार, जिला मलेरिया कार्यालय से प्रशांत कुमार, प्रकाश कुमार, पिरामल से राजू कुमार सिंह, श्याम सुन्दर कुमार, धर्मेंद्र यादव, रवि कुमार, अभिनव कुमार, पीएससी से अमित कुमार, आशा व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।