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एनटीडी रोगों के उन्मूलन के लिए सभी को एकजुट होना जरूरी

एनटीडी रोगों के उन्मूलन के लिए सभी को एकजुट होना जरूरी
Ramnath Vidrohi
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एनटीडी रोगों के उन्मूलन के लिए सभी को एकजुट होना जरूरी 

-एनटीडी दिवस पर बोचहां के पटियासा और सरफुद्दीनपुर में मना एनटीडी दिवस 
-फाइलेरिया, कालाजार, डेंगू, चिकनगुनिया, ट्रैकोमा, रेबीज जैसे रोग हैं एनटीडी में शामिल 

मुजफ्फरपुर। 30 जनवरी 
जिले में गुरुवार को “विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (एनटीडी) दिवस” मनाया गया। इस वर्ष इसका थीम "जनप्रतिनिधि और समुदाय को एकजुट होकर एनटीडी रोगों के खिलाफ कार्रवाई कर इसे समाप्त करने की अपील करना है "। वैश्विक स्तर पर सबसे कमजोर समुदायों में अनुमानित 1.5 अरब लोगों को एटीडी रोग और गरीबी के इस दुष्चक्र से मुक्त किया जा सके। विश्व एनटीडी दिवस के उद्देश्य और मुद्दों को ध्यान में रखते हुए जिले के बोचहां के राज्य उत्क्रमित मध्य विद्यालय पटियासा तथा सरफुद्दीनपुर में जीविका दीदीयों के साथ रैली का आयोजन किया गया। पटियासा में जहां स्कूल के शिक्षकों के द्वारा छात्रों को 10 फरवरी से होने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को समझाया कि वह इस अभियान के बारे में अपने पड़ोस और अभिभावकों को भी सूचित करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कर सके। 
वहीं एनटीडी दिवस के अवसर पर सरफुद्दीनपुर में जीविका दीदी सोनी के साथ गांव के उपमुखिया मनीष कुमार, वार्ड मेंबर नाजो खातून और रोगी हितधारक मंच की सदस्य रेणु देवी और सीता देवी ने रैली के माध्यम से फाइलेरिया पर जागरूकता के साथ 10 फरवरी से एमडीए के दौरान लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खाने की अपील की। मौके पर शिक्षक मोहम्मद आरिफ, मोहम्मद जाहिद अनवर, नाजनी कादिर, आशा ममता देवी, तरन्नुम खातून सहित अन्य लोग उपस्थित थे। 

मक्खी और मच्छर से फैलता है एनटीडी रोग: 
एनटीडी रोग के संबंध में जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सुधीर कुमार ने बताया कि एनटीडी रोग के मुख्य वाहक मक्खी, मच्छर और स्वच्छता का अभाव है। एनटीडी रोगों में फाइलेरिया, कालाजार, डेंगू, चिकनगुनिया, ट्रैकोमा, रेबीज जैसे रोग शामिल हैं।