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फाइलेरिया से बचाव की खुराक खाएं, सीतामढ़ी को फाइलेरिया मुक्त बनाएं- सिविल सर्जन

फाइलेरिया से बचाव की खुराक खाएं, सीतामढ़ी को फाइलेरिया मुक्त बनाएं- सिविल सर्जन
Ramnath Vidrohi
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फाइलेरिया से बचाव की खुराक खाएं, सीतामढ़ी को फाइलेरिया मुक्त बनाएं- सिविल सर्जन

-सर्वजन दवा कार्यक्रम हेतु टीओटी का आयोजन
-कुल 17 दिनों का होगा एमडीए अभियान

सीतामढ़ी। 10 फरवरी से प्रस्तावित फाइलेरिया नियंत्रणार्थ "सर्वजन दवा सेवन" कार्यक्रम हेतु प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (टीओटी) का शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ अखिलेश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। प्रशिक्षण विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय संयोजक डॉ माधुरी देवराजु, पीरामल फाउन्डेशन के जिला लीड प्रभाकर कुमार और जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी संतोष कुमार के द्वारा दिया गया। जिसमे फाइलेरिया के कारण तथा बचाव की विस्तृत जानकारी दी गई।

डॉ माधुरी देवराजू ने बताया गया कि इस बार एमडीए 17 दिनों का है। पहले तीन दिन स्कूलों एवं अन्य सार्वजनिक जगहों पर बूथ लगाकर दवा का सेवन कराया जाएगा। 
इसके बाद 14 दिन में ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाएंगे। इसमें दो दिनों का मॉपअप राउंड चलाया जाएगा ताकि छूटे हुए लोगों को ​दवा का सेवन कराया जा सके। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। परन्तु मच्छर के काटने के बाद बीमारी के लक्षण प्रकट होने मे 5 से 15 साल लग जाते है। आप स्वस्थ दीखते हैं, फिर भी फाइलेरिया के सूक्ष्म परजीवी आपके रक्त मे हो सकते हैं जो कालांतर मे हाथीपांव/हायड्रोसील का रूप ले सकते हैं। हाथीपांव से बचने का सबसे अच्छा उपाय है- साल मे एक बार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान डीईसी और अल्बेण्डाजोल की निर्धारित खुराक भोजन के बाद अवश्य लें। खाली पेट दवा नहीं लेनी है।

उक्त अवसर पर सिविल सर्जन ने कहा की कार्यक्रम की पूरी तैयारी कर ली गई है। दो साल से छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाओ, तथा गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को छोड़कर सभी योग्य लाभार्थियों को आशा कार्यकर्ता द्वारा विद्यालय तथा घरों मे जाकर अपने सामने दवा की खुराक उम्र के अनुसार खिलाई जाएगी। दवा सुरक्षित है, इसे भोजन के बाद ही लें। डीईसी पानी के साथ निगल जायें और अल्बेण्डाजोल को चबाकर खायें। कभी-कभार किसी को हल्का सिर मे चक्कर, मितली, पेट मे दर्द या हल्का बुखार हो सकता है जो कुछ देर आराम करने से स्वतः ठीक हो जाता है। ऐसा उन व्यक्तियों मे देखने को मिलता जो फाइलेरिया के परजीवी से संक्रमित होते हैं। इसके लिए प्रखंड एवं जिला स्तर पर "त्वरित संज्ञान दल" एवं आकस्मिक एम्बुलेंस दल भी तैयार किए गए हैं। जिनके मोबाइल नंबर माईक्रोप्लान पर अंकित हैं। सभी शिक्षको, जीविका के स्वयं सहायता समूह, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, पंचायत प्रतिनिधियों आदि को भी संवेदित किया जा रहा है। जिला पदाधिकारी के स्तर से भी अंतरविभागीय उन्मुखीकरण किए जा रहे हैं।

“आईए सब मिलकर 10 फरवरी से फाइलेरिया से बचाव की खुराक खाएं और सीतामढ़ी को फाइलेरिया मुक्त बनायें।”

प्रशिक्षण मे सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम, एम एण्ड ई, भीबीडीएस आदि भाग लिए। ये सभी प्रशिक्षण उपरांत प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण देंगे।
मौके पर भीडीसीओ प्रिंस कुमार, पवन कुमार, डीसीएम समरेन्द्र वर्मा, एफएलए रजनीश कुमार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ व अन्य लोग उपस्थित थे।