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एमडीए कार्यक्रम, आईएचआईपी एवं एमएमडीपी किट के उपयोग पर आयोजित हुआ जिलास्तरीय प्रशिक्षण

एमडीए कार्यक्रम, आईएचआईपी एवं एमएमडीपी किट के उपयोग पर आयोजित हुआ जिलास्तरीय प्रशिक्षण
Ramnath Vidrohi
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एमडीए कार्यक्रम, आईएचआईपी एवं एमएमडीपी किट के उपयोग पर आयोजित हुआ जिलास्तरीय प्रशिक्षण

-फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की होगी रियल टाइम मॉनिटरिंग 
- सीएचओ, डीईओ, भीबीडीएस का हुआ दो दिवसीय प्रशिक्षण
- हाथीपाँव से बचाव के लिए सर्वजन दवा सेवन जरुरी: डॉ नवल किशोर 

बेतिया, 24  जनवरी 
फाइलेरिया मुक्त अभियान के अन्तर्गत बेतिया के निजी सभागार में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ नवल किशोर की अध्यक्षता में एमडीए कार्यक्रम के सफल संचालन एवं एमएमडीपी किट के उपयोग के साथ आईएचआईपी पोर्टल पर रिपोर्ट अपडेट करने को लेकर जिलास्तरीय प्रशिक्षण कराया गया। 
उन्होंने बताया कि नाईट ब्लड सर्वे ( रात्रि रक्त पट संग्रह ) के दौरान जिन व्यक्तियों का माइक्रो फ़ाइलेरिया दर पॉजिटिव आया है, उनकी सूचि को सबसे पहले आईएचआईपी पर अंकित करना सुनिश्चित करें। साथ ही माइक्रो फ़ाइलेरिया दर पॉजिटिव आये हुए व्यक्तियों की सूचना को अंकित करने के बाद प्रखंडों में उपलब्ध फ़ाइलेरिया मरीजों की सूचि को भी अंकित करना है। भारत सरकार के निर्देशानुसार आईएचआईपी पोर्टल में फ़ाइलेरिया कार्यक्रम से संबंधित सभी आंकड़ों को भरना है। आईएचआईपी में दर्ज आंकड़ों से पूरे फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा सकेगी। भीबीडीएस/सीएचओ व स्वास्थ्य कर्मियों को माइक्रोप्लान बनाने, स्वीकृति एप्प पर एमडीए राउंड के दौरान प्रतिदिन का डाटा अपलोड करने एवं मॉनिटरिंग करने की जानकारी भी दी गई। ताकि 10 फ़रवरी से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके। 
पिरामल के जिला प्रतिनिधि राजू कुमार सिंह, प्रकाश कुमार और सुजीत कुमार भीबीडीएस, पिरामल बीसी श्यामसुन्दर कुमार द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। हाथी पाँव के मरीजों को कैसे एमएमडीपी किट का उपयोग करना है, यह भी बताया गया। प्रकाश कुमार ने कहा कि 10 फरवरी से 17 दिनों के लिए कार्यक्रम चलाया जायेगा। 
इस दौरान आशा व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करते हुए अपने सामने दवा खिलाएगी। प्रतिदिन कितनी दवा खिलाई गई, इसकी रिपोर्ट प्रतिदिन विभाग को दी जाएगी। सभी कार्यकलाप रजिस्टर में लिखित दर्ज की जाएगी। इसके बाद अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग की जाएगी। लोगों को अगर सर्वजन दवा से दुष्प्रभाव होता है तो उससे बचाव के लिए रैपिड रेस्पोंस टीम लगाई जाएगी। इस मौके पर डीभीडीसीओ डॉ नवल किशोर, भीडीसीओ रमेश मिश्रा, प्रशांत कुमार, गणेश कुमार गोप, सुशांत कुमार, पिरामल के राजू सिंह, श्यामसुन्दर कुमार, संतोष कुमार, स्टीफन जी व अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।