Ramnath Vidrohi
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बाल ह्रदय के तीन रोगियों को एम्बुलेंस द्वारा पटना भेजा गया
- 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों की आरबीएसके चिकित्सकों द्वारा आंगनबाड़ी एवं सरकारी अस्पतालों में होती है जाँच
- योजना अन्तर्गत 42 तरह के रोगों का होता है इलाज
मोतिहारी, 16 जनवरी
सदर अस्पताल मोतिहारी से रात्रि में जिले के 03 बाल हृदय के रोगियों को एम्बुलेंस से पटना आईजीआईसी रवाना किया गया, जहाँ आज बिहार के अन्य जिलों से आए रोगियों के साथ जिले के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का भी स्क्रीनिंग किया गया। इस सम्बन्ध में आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ शशि मिश्रा ने जानकारी देते हुए कहा की अनमोल कुमार 7 वर्ष मोतिहारी, सूरज कुमार 17 वर्ष सुगौली, सुऱईया प्रवीण 9 वर्ष तुरकौलिया को बुधवार को रात्रि में पटना भेजा गया है जहाँ आज गुरुवार को उन सभी की स्क्रीनिंग हुई है, आगे विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा बच्चों की चिकित्सा होगी वहीं गंभीर हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को "आईजीआईएमएस" पटना में शल्य चिकित्सा कराई जाएगी। डॉ शशि ने कहा की 0-18 वर्ष तक के दिल के छेद का कोई मरीज है तो तुरन्त सदर अस्पताल मोतिहारी परिसर स्थित जिला आरबीएसके कार्यालय से संपर्क करे, ताकि हृदय रोग से पीड़ित जिले के अधिक से अधिक बच्चों की सहायता की जा सके।
0-18 वर्ष तक के दिल के छेद के मरीजों की निशुल्क होती है सर्जरी:
सिविल सर्जन डॉ रविभूषण श्रीवास्तव ने बताया की मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के अन्तर्गत 0-18 वर्ष तक के दिल के छेद के मरीजों की निशुल्क सर्जरी बिहार सरकार के द्वारा करायी जाती है। आईजीआईएमएस अस्पताल पटना में अब बाल हृदय रोगियों की ओपन हार्ट सर्जरी कराई जा रही है। वहीं गंभीर मरीजों का श्री सत्य साईं अस्पताल अहमदाबाद में सर्जरी कराई जाती है। बिहार सरकार अपने खर्च पर बाल हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को हवाई जहाज द्वारा पटना से अहमदाबाद भेजती हैं जहाँ हृदय रोगी बच्चों की निशुल्क सर्जरी कराई जाती है। अस्पताल में बच्चों एवं अभिभावक के रहने, भोजन, इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। उन्होंने बताया की आरबीएसके के तहत 42 प्रकार की बीमारियों की जाँच चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों व अन्य स्थानों पर कैम्प लगाकर समय समय पर की जाती है।