Ramnath Vidrohi
Views: 62
“एचडब्लूसी डुमरी” को मिला राज्यस्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणीकरण
- राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा सीएचओ दुर्गेश शर्मा को मिला प्रमाण-पत्र
- जाँच व इलाज की सुविधा के साथ एचडब्लूसी पर 136 प्रकार की दवाएँ उपलब्ध
- सीएचओ दुर्गेश शर्मा की तत्परता और लगन से स्थानीय लोग हैं प्रभावित
बेतिया, 10 जनवरी 25
जिले के योगापट्टी प्रखंड स्थित डुमरी "हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर" को राज्यस्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणीकरण होने पर राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा गुरुवार को सीएचओ दुर्गेश शर्मा को प्रमाण-पत्र दिया गया। जिले के डीपीसी अमित कुमार ने बताया कि स्थानीय स्तर पर जनसमुदाय को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु राज्य सरकार द्वारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की स्थापना की गई है। राज्यस्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणीकरण टीम द्वारा 20 नवंबर को एसेसमेंट हेतु गहनता के साथ इसका मूल्यांकन किया गया था। इसमें डुमरी आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 75 अंक प्राप्त हुए। 
डीपीसी अमित कुमार ने बताया कि अब राष्ट्रीय स्तर के मूल्यांकन के लिए आवेदन किया जाएगा। डीपीसी ने बताया कि सीएचओ दुर्गेश शर्मा के द्वारा सेवा भाव से मरीजों का इलाज किए जाने, अस्पताल परिसर की स्वच्छता, जाँच के साथ 136 प्रकार की दवाओं की उपलब्धता, इलाज के साथ ही साफ-सफाई एवं प्राकृतिक वातावरण देख राज्य स्तरीय टीम द्वारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर डुमरी को पहली बार एनक्यूएएस प्रमाणीकरण एवं लगातार दूसरी बार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा कायाकल्प पुरस्कार प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि जिले के अन्य हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का भी राज्यस्तरीय टीम द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा।
सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने ख़ुशी व्यक्त करते हुए बताया कि की बात है अन्य स्वास्थ्य संस्थानों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। स्वास्थ्य सुविधा के साथ सेवा भावना का ख्याल रखना चाहिए ताकि उन्हें भी एनक्वास प्रमाणीकरण प्राप्त हो। क़्वालिफाई हेतु 70 प्रतिशत से ज्यादा अंक आना इसके लिए जरूरी होता है।
सिविल सर्जन ने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गठित टीम द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाणीकरण के लिए उक्त एचडब्ल्यूसी का आठ प्रकार के मानकों पर मूल्यांकन किया गया। एएनसी, टीकाकरण, ओपीडी, परिवार नियोजन, आउटरीच में होने वाली विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के मूल्यांकन पर टीम के सामने शत प्रतिशत खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही भारत सरकार द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसके बाद हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर को प्रोत्साहन राशि दी जाती है जिससे स्वास्थ्य संस्थान का विकास होता है।
