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परिवार नियोजन के अस्थायी और स्थायी साधनों के प्रति जागरूकता लाना जरूरी - डॉ चंद्रा

परिवार नियोजन के अस्थायी और स्थायी साधनों के प्रति जागरूकता लाना जरूरी - डॉ चंद्रा
Ramnath Vidrohi
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परिवार नियोजन के अस्थायी और स्थायी साधनों के प्रति जागरूकता लाना जरूरी - डॉ चंद्रा 

- पब्लिक प्राइवेट पार्टनर  इंटरफ़ेस  मीटिंग का आयोजन

बेतिया,   

पब्लिक प्राइवेट पार्टनर  इंटरफ़ेस मीटिंग का आयोजन एसीएमओ डॉ रमेश चन्द्र की अध्यक्षता मे  सहयोगी संस्था पीएसआई इंडिया के सहयोग से किया गया। मौके पर डॉ रमेश चंद्रा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संस्थागत प्रसव के बाद गुणवत्तापूर्ण परिवार नियोजन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने मे हर संभव प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन के अस्थायी और स्थायी साधनों के प्रति जागरूकता लाने का काम भी किया जा रहा है। जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन के लिए सहयोगी संस्थाओं की भी मदद मिल रही है। इसके वावजूद प्राइवेट संस्थाओ द्वारा रिपोर्टिंग मे बहुत अंतर पाया जा रहा है इस अंतर को सभी निजी नर्सिंग होम को आग्रह किया गया कि सही एवं सम्पूर्ण रिपोर्ट समय से उपलबद्ध कराये। आई एम ए अध्यक्ष ने निजी स्वास्थ्य संस्थानो के प्रतिनिधि /चिकित्सको के तरफ से असवाशन दिया के सभी सस्थान समय से रिपोर्ट करेंगे, परिवार नियोजन के क्षेत्र में काम करने वाली स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था पीएसआई इंडिया द्वारा प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को परिवार नियोजन, हेल्थ मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम पर ससमय रिपोर्टिंग, संक्रमण से बचाव, प्रसव एवं प्रसव पूर्व जांच, काउसलिंग पर चर्चा की गयी तथा अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्षमतावर्धन किया गया। मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी विनय कुमार ने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में निजी स्वास्थ्य संस्थानों को भी शामिल किया गया है ताकि परिवार नियोजन सेवाएं जैसे प्रसव अथवा गर्भपात के बाद बंध्याकरण अथवा अस्थायी गर्भनिरोधक साधन जैसे कॉपर टी या नॉन हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियां आदि की सुविधा लाभार्थी को आसानी से उपलब्ध हो सके। पीएसआई इंडिया के सीनियर प्रोग्राम मैनेजर विवेक मालवीय ने स्वास्थ्यकर्मियों का उन्मुखीरकण करते हुए टीसीआई इंडिया कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। स्वास्थ्यकर्मियों को टीसीआई कार्यक्रम के तहत निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के क्षमतावर्धन के बारे में बताया। पीएसआई से आये स्पेशलिस्ट प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन अकबर अली खान ने उन्मुखीकरण के दौरान परिवार नियोजन, डाटा रखरखाव, प्रसव के बाद परिवार नियोजन के साधनों के इस्तेमाल तथा संक्रमण से बचाव एवं काउसलिंग की जानकारी दी। नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे पांच की रिपोर्ट के अनुसार जिला में 33 प्रतिशत लोग निजी स्वास्थ्य संस्थानों में आकर परिवार नियोजन की सेवाएं ले रहे है। जबकि दस प्रतिशत लोग दवा दुकानों अथवा अन्य दुकानों से परिवार नियोजन साधन जैसे कंडोम आदि की खरीद करते है। बिहार में 35 प्रतिशत लोग निजी स्वास्थ्य संस्थानों में जाकर परिवार नियोजन सेवाएं ले रहे है। 

मौके पर जिला स्वास्थ्य समिति के पदाधिकारी, पीएसआई इंडिया की टीम, निजी स्वास्थ्य संस्थानो के प्रतिनिधि व चिकित्सको ने भाग लिया।