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सर्दी में भी बना हुआ है मलेरिया का खतरा, कम नहीं हो रहा मच्छरों का प्रकोप

सर्दी में भी बना हुआ है मलेरिया का खतरा, कम नहीं हो रहा मच्छरों का प्रकोप
Ramnath Vidrohi
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सर्दी में भी बना हुआ है मलेरिया का खतरा, कम नहीं हो रहा मच्छरों का प्रकोप

- घरों के आसपास साफ सफाई रखें, मच्छरों को पनपने ना दें
- रात में सोते समय  मच्छरदानी का उपयोग करें
- लक्षण दिखाई देने पर सरकारी अस्पताल में जाँच व इलाज कराएँ 

मोतिहारी, 21 दिसम्बर

सर्दी में भी मच्छरों का प्रकोप बना हुआ है। जिले  का न्यूनतम तापमान 12 डिग्री तक आ गया है। दिसम्बर माह बीतने को है, लेकिन मच्छरों का प्रकोप कम होते नहीं दिख रहा है। जिस कारण वेक्टर जनित रोगों (मलेरिया, कालाजार, डेंगू, चिकुनगुनिया) आदि का खतरा बना हुआ है। अधिकारियों का मानना है कि 18 डिग्री तापमान के नीचे मच्छरों का लार्वा निष्क्रिय  हो जाता है, लेकिन जगह जगह गन्दगी,  दूषित पर्यावरण के चलते मच्छरों का प्रकोप अभी भी दिखाई दे रहा है। जिले में इस वर्ष 20 दिसम्बर तक डेंगू के 208 मरीज मिल चुके हैं।

मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है मलेरिया:

वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि  मलेरिया रोग मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर   बारिश का पानी अधिक दिनों तक जमा व दूषित होने की वजह से पैदा होते हैं । मलेरिया के मच्छर के काटने की वजह से व्यक्ति को बुखार और सिर दर्द के लक्षण आने शुरू हो जाते हैं। कभी कभी यह बुखार कम हो जाता है तो दुबारा आ जाता है। इसके जीवाणु रोगी के रक्त में प्रवेश करके कोशिकाओं को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि  इसके लक्षण दिखाई देने पर सरकारी अस्पताल में जाँच व इलाज कराएँ ।

मलेरिया के प्रमुख लक्षण: 

बुखार आना , सिर दर्द होना, उल्टी होना,  जी मिचलाना , ठंड लगना, चक्कर आना, थकान लगना आदि 

मलेरिया से बचने के उपाय:

- मलेरिया से बचने के लिए अपने घरों के आसपास साफ सफाई रखें।
- कीटनाशकों का छिड़काव करें, मच्छरों को पनपने ना दें ।
- मलेरिया से बचने के लिए रात में  मच्छरदानी का उपयोग करें, साथ ही उन कपड़ों का उपयोग करें , जो शरीर के अधिकांश हिस्से को ढक  सके।
- यदि किसी व्यक्ति के शरीर में बुखार तेजी से बढ़ रहा है तो सरकारी अस्पताल के डॉक्टर की सलाह पर जांच अवश्य कराएँ ।