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एमडीए में बेहतर कार्य के लिए सीतामढ़ी पूरे बिहार के लिए बना नजीर

एमडीए में बेहतर कार्य के लिए सीतामढ़ी पूरे बिहार के लिए बना नजीर
Ramnath Vidrohi
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एमडीए में बेहतर कार्य के लिए सीतामढ़ी पूरे बिहार के लिए बना नजीर 

•सीतामढ़ी राज्य का पहला जिला है जहां सभी सीएचसी, पीएचसी और एचडब्ल्यूसी पर फाइलेरिया क्लीनिक का वर्ष 2022 में किया गया शुभारंभ
•वर्ष 2018 में माइक्रो प्लान आधारित एमडीए संचालित करने वाला देश का पहला जिला है सीतामढ़ी
•‘हमारा घर फाइलेरिया मुक्त घर’ का स्टीकर बना आकर्षण का केंद्र 

सीतामढ़ी। फाइलेरिया गंभीर व घातक बीमारी है। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति की जिंदगी काफी चुनौतियों से भरी होती है। वर्तमान समय में पूरे विश्व का 40 फीसदी फाइलेरिया के मरीज सिर्फ भारत में है। वैश्विक स्तर पर फाइलेरिया बीमारी के उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2030 तक निर्धारित था। लेकिन केंद्र सरकार ने उन्मूलन के लक्ष्य को तीन वर्ष घटाकर इसे वर्ष 2027 तक लक्षित किया है। उक्त लक्ष्य को हासिल करने में एमडीए अभियान काफी अहम कड़ी साबित हो रहा है. जिसमें  बिहार की भूमिका काफ़ी अहम रही है। इसमें भी खासकर सीतामढ़ी जिला का नाम सबसे पहले पायदान पर रहेगा।
  
वर्ष 2018 में एमडीए अभियान के लिए माइक्रो प्लान बनाने वाला पहला जिला था सीतामढ़ी: 

फाइलेरिया बीमारी के उन्मूलन के लिए सीतामढ़ी जिला ने जो नजीर पेश किया है। जिसका अनुसरन आज बिहार राज्य के साथ पूरा देश भी कर रहा है। दरअसल, वर्ष 2018 में सीतामढ़ी ने सर्वजन दवा सेवन अभियान के लिए पहले 7  दिनों का माइक्रो प्लान बनाया एवं बाद में वर्ष 2019 में 14 दिनों के माइक्रोप्लान का पायलट भी किया. आज देश-भर में एमडीए अभियान इसी 14 दिनों के माइक्रो-प्लान पर आधारित होकर संचालित किया जा रहा है. साथ ही इसका  सकारात्मक परिणाम वर्तमान में राज्य के 24 जिले में 10 फरवरी से चल रहे एमडीए अभियान के दौरान देखने को मिल भी रहा है। 


जीएईएलएफ की बैठक में डॉ आरके यादव ने माइक्रो प्लान पर की थी चर्चा:

बता दें कि दिल्ली में वर्ष 2018 में ग्लोबल एलाइंस टू एलीमिनेट लिम्फेटिक फाइलेरिसिस (जीएईएलएफ) की बैठक में सीतामढ़ी के जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आरके यादव ने वर्ष 2018 में बनाए गए अपने माइक्रो प्लान के बारे में विस्तृत चर्चा की थी। उक्त प्लान कहीं न कहीं एमडीए अभियान की सफलता के लिए एक मील का पत्थर  साबित हुआ है। जिसका अनुपालन आज पूरे देश में एमडीए अभियान के दौरान किया जा रहा है। 

‘हमारा घर फाइलेरिया मुक्त घर’ का स्टीकर बना आकर्षण केंद्र:


राज्य में 10 फरवरी से शुरू हुए एमडीए राउंड में दवा सेवन को प्रोत्साहित करने की एक नई पहल सीतामढ़ी ने की. सीतामढ़ी जिले में आशा कार्यकर्ता एवं मुखिया साथ मिलकर दवा सेवन करने वाले घरों के दीवारों पर ‘हमारा घर फाइलेरिया मुक्त घर’ लिखे हुए स्टीकर को चस्पा किया. स्टीकर पर ‘हमने तो दवा खा लिया, आप भी दवा खाएं, फाइलेरिया से मुक्ति पायें’ लिखा गया स्लोगन लोगों में आकर्षण का कारण भी बना.

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर फाइलेरिया क्लिनिक खोलने वाला देश का पहला जिला:

फाइलेरिया बीमारी के उन्मूलन में बिहार का सीतामढ़ी जिला लगातार अग्रणी भूमिका निभा रहा है। हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर पर फाइलेरिया क्लिनिक खोलने वाला सीतामढ़ी देश का पहला जिला बना. वहीं,  वर्ष 2022 में ही जिले के सभी सीएचसी, पीएचसी तथा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर फाइलेरिया क्लीनिक का शुभारंभ कर राज्य का पहला जिला बना. 

एमडीए अभियान की सफलता में पीआरआई के लोगों ने निभायी अहम भूमिका:

एमडीए अभियान के सफल संचालन में राज्य भर में पंचायती राज संस्था का सहयोग लिया जा रहा है. जिसमें सीतामढ़ी जिले के 262 पंचायतों के मुखिया ने भी अहम भूमिका निभायी है। उक्त अभियान के लिए जिले के कुल 172 मुखिया को चार दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला में प्रशिक्षित किया गया। उक्त सभी मुखिया एमडीए अभियान के दौरान अपने पंचायतों में सर्वजन दवा सेवा अभियान के दौरान आमजनों के दवा सेवन कराने में काफी सकारात्मक सहयोग निभा रहे हैं। 

बेहतर कार्य के लिए कई बार सम्मानित हो चुके हैं डॉ आरके यादव:

स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी फाइलेरिया डॉ परमेश्वर प्रसाद ने कहा कि सीतामढ़ी के जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ आरके यादव ने फाइलेरिया बीमारी के उन्मूलन के लिए कई बेहतर कार्य किए हैं। जो कि एमडीए अभियान के सफल संचालन और फाइलेरिया बीमारी के उन्मूलन में कारगर साबित हो रहा है। डॉ. यादव द्वारा किए गए कई बेहतर कार्यों के लिए आइएमए के अलावे जिलाधिकारी के द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है।