Ramnath Vidrohi
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*मानवाधिकार दिवस के पूर्व संध्या पर परिचर्चा सह सम्मान समारोह का आयोजन*
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वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर स्थित होटल प्रबंधन संस्थान में विश्व मानवाधिकार दिवस के पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय समाचार पत्रिका मानवाधिकार टुडे और होटल प्रबंधन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मानवाधिकार और दुर्बल समूह विषय पर परिचर्चा सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह का उदघाटन वैशाली जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री ज्ञानेश्वर प्रकाश, वैशाली महिला महाविद्यालय की प्राचार्या श्रीमती लक्ष्मी कुमारी, होटल प्रबंधन संस्थान, हाजीपुर के प्राचार्य श्री पुलक मंडल और डॉ. शशि भूषण कुमार ने संयुक्त रूप से किया। समारोह को संबोधित करते हुए श्री पुलक मंडल ने कहा कि मानवाधिकार का विचार उतना ही पुराना है जितनी कि मानव सभ्यता। यह अधिकार सभी को बिना किसी भेदभाव के प्राप्त प्राकृतिक अधिकार है । यह जीवन जीने के लिए आवश्यक है। समारोह में वक्ता के रूप में आमंत्रित जमुनी लाल महाविद्यालय, हाजीपुर में राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. रजनीश कुमार ने कहा कि दुर्बल समूह के अंतर्गत महिलाएं, बुजुर्ग, दिव्यांग और बच्चे आते है। सरकार इन सबों के सशक्तीकरण के लिए अनेकों कार्यक्रमों का संचालन कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि ब्रिटेन में वर्ष 1215 में लागू मैग्नाकार्टा और वर्ष 1789 की फ्रांसीसी क्रांति से मानवाधिकार को बल मिला है। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री ज्ञानेश्वर प्रकाश ने शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि मानवाधिकार का संरक्षण शिक्षा की रौशनी को जन-जन तक पहुंचाकर ही किया जा सकता है। हम तभी सशक्त हो सकते है, जब हम शिक्षित होंगे। शिक्षा परिवर्तन का वाहक है। उन्होंने विद्यार्थियों को लक्ष्य निर्धारित कर , उसे प्राप्त करने के लिए परिश्रम करने के लिए प्रेरित किया। वैशाली महिला महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. लक्ष्मी कुमारी ने कहा कि पहले की तुलना में महिलाएं अधिक सशक्त हुई है। उनके सशक्तीकरण में शिक्षा की भूमिका अतिमहत्वपूर्ण है। सरकार ने दुर्बलों समूहों को अनेक कानूनों के माध्यम से संरक्षण दिया है। मानवाधिकार टुडे मीडिया हाउस के संपादक डॉ. शशि भूषण कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि समाज में कोई भी दुर्बल अर्थात कमजोर नहीं होता है। यदि आपमें इच्छाशक्ति है तो आप जीवन में शीर्ष तक पहुंच सकते है। उन्होंने अपने संबोधन में मन की शक्ति को मजबूत करने पर बल दिया।
उन्होंने आगे कहा कि मानव सम्मान ही मानवाधिकार है। बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारतीय संविधान में अनेक स्थानों पर दुर्बल समूहों को संरक्षण प्रदान किया गया है। संविधान के भाग 3 के अनुच्छेद 15, 23 और 24 में वर्णित प्रावधानों में विशेषकर दुर्बल समूहों के सशक्तीकरण पर बल दिया गया है। प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. राजकमल ने कहा कि मानवाधिकार के संरक्षण से ही लोकतंत्र को मजबूत किया जा सकता है। मानवाधिकार मानव को प्राप्त नैसर्गिक अधिकार है जिसके बिना मानव का जीवन अधूरा है। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक मानव को बिना किसी भेदभाव और भय के सम्मानपूर्वक एवं गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार है।
होटल प्रबंधन संस्थान के विभागाध्यक्ष द्वितीय श्री कल्याण मुखर्जी ने मानवाधिकार दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मानवाधिकार दिवस पर विभिन्न प्रकार के आयोजनों के माध्यम से लोगों को मानवाधिकार के प्रति जागरूक किया जाता है। यह अधिकारियों के प्रति जिम्मेदारी की भावना लाने के साथ-साथ उन्हें किसी भी मानवाधिकार उल्लंघन के प्रति जवाबदेह बनाता है ।
होटल प्रबंधन संस्थान के सहायक प्रशासनिक पदाधिकारी श्री मुर्तुजा कमाल ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को पूरे विश्व मे 'मानवाधिकार दिवस' मनाया जाता है और आज इसकी पूर्व संध्या पर होटल प्रबंधन संस्थान हाजीपुर में मानवाधिकार और दुर्बल समूह विषय पर परिचर्चा किये जाने का मुख्य उद्देश्य यहां कार्यरत सभी कर्मचारी एवं अध्ययनरत विद्यार्थियों को मानवाधिकार से संबंधित कानूनों एवं नियमों से पूर्णतः अवगत कराना था। श्री कमाल ने आगे बताया कि मानवाधिकारों के नियमों के कारण ही आम इंसान को आगे बढ़ने के लिए समान सुविधाएं और समान अवसर दिए जाते है ताकि समाज के सभी वर्गों का विकास हो सके। मानवाधिकार हमें अभिव्यक्ति की आजादी देता है ताकि किसी भी मंच पर किसी भी मुद्दे पर अपने विचारों , अपनी भावनाओं को अपने तर्क के साथ प्रस्तुत किया जा सके। मानवाधिकार टुडे मीडिया हाउस के उपसम्पादक श्री अमित कुमार 'विश्वास' ने मंच संचालन करते हुए कहा कि 10 दिसंबर, 1948 को 30 अनुच्छेदों वाला मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा पत्र को संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्वीकार किया था। इसलिए 10 दिसंबर को प्रति वर्ष विश्व मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपने अधिकारों के उपभोग के साथ-साथ कर्तव्य पालन पर भी बल देना चाहिए क्योंकि अधिकार और कर्तव्य एक-दूसरे के पूरक है। रविन्द्र कुमार रतन ने कहा कि हमें सभी का सम्मान करना चाहिए। सभी के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए। होटल प्रबंधन संस्थान की छात्रा एंजला श्रीवास्तवा ने कहा कि मानवाधिकार का अर्थ सम्मान के साथ जीना है। मानवाधिकार हमें बिना किसी भेदभाव के सम्मान के साथ जीने का अधिकार देता है। छात्रा
सैयदा फातिमा ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने वर्ष 2006 में घरेलू हिंसा कानून को लागू कर महिला सुरक्षा के क्षेत्र में एक बेहतर कदम उठाया है। श्री अमरेंद्र कुमार ने मानवाधिकार पर एक सुंदर गीत प्रस्तुत किया। समारोह में मानवता सेवा सम्मान -2022 से श्री उत्पल कुमार, डॉ राजकमल, श्री पुलक मंडल, रवि रंजन, प्रो. संजय कुमार सिंह, श्री मनोज कुमार सिंह, प्रो. लक्ष्मी कुमारी, श्री अमित कुमार 'विश्वास' , श्री अमरनाथ कुमार को सम्मानित किया गया। साथ ही उपस्थित सभी लोगों को सहभागिता प्रमाणपत्र भी प्रदान किया गया। इस समारोह में वैशाली जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष मेदिनी कुमार मेनन, वैशाली महिला महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापिका डॉ अंजू कुमारी,
वैशाली महिला महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापिका निशा कुमारी,
डॉ. स्नेह लता, होटल प्रबंधन संस्थान के वरीय व्याख्याता श्री अनुपम कुमार, पत्रकार कुंदन कृष्णा, शिक्षक आनंद मलिक, उत्पल यादव, अरविंद कुमार कौशल, हिमांशु रंजन, मो. आमिर अली, आन्या गुप्ता, चंदन कुमार, डॉ यू. एस. गौतम, अमन रंजन, मो.फरीद आलम, खुशी श्रीवास्तवा, सूरज कुमार सिंह, खुशी खन्ना, सन्नी कुमार, अंकिता शर्मा, सुधा, साक्षी सिकरिया, निवेदिता कुमारी, सत्या रानी, प्रशांत सिंह, आयुष कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी और गणमान्य लोग उपस्थित हुए।