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प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की हुई जांच

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की हुई जांच
Ramnath Vidrohi
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प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की हुई जांच 

- सभी पीएचसी, सीएचसी, रेफरल अस्पताल सहित सदर अस्पताल में हुई जाँच
- जननी बाल सुरक्षा योजना के मिलते हैं आर्थिक लाभ 

मोतिहारी, 09 दिसम्बर

जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी, रेफरल अस्पताल सहित सदर अस्पताल में  शुक्रवार को गर्भवती महिलाओं की प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर आयोजित कर प्रसव पूर्व एएनसी जांच की गयी। गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य जांच के बाद जरूरी चिकित्सकीय परामर्श भी दी गई। उन्हें रहन-सहन, साफ-सफाई, खान-पान, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां आदि बताई गई ताकि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिल सके और मातृ-शिशु मृत्यु दर पर विराम लग सके।

- स्वास्थ्य जाँच के साथ आयरन, कैल्शियम की दवाई मुफ्त दी गई

जिले के सीएस डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि मोतिहारी, ढ़ाका, सुगौली, पकड़ीदयाल, चकिया सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में महिला चिकित्सकों , नर्स, के द्वारा गर्भवती महिलाओं की वजन, बीपी, शुगर, ब्लड प्रतिशत के साथ एएनसी, ब्लड, यूरिन, एचआईवी, ब्लड ग्रुप, हार्ट-बीट आदि की भी जांच की गई और परामर्श के साथ ही उन्हें आयरन कैल्शियम की दवाई मुफ्त दी गयी। उन्हें एनीमिया से बचाव की जानकारी भी दी गई।

- प्रसव संबंधी परेशानी होने पर तुरंत जांच करानी चाहिए, मन में  न रखें  झिझक

सदर अस्पताल की महिला चिकित्सक डा. सुरुचि कुमारी व सुधा कुमारी ने बताया कि  प्रसव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तुरंत जांच करानी चाहिए। समय पर जांच कराने से किसी भी प्रकार की परेशानी का शुरुआती दौर में ही पता चल जाने से उसे आसानी से दूर किया जा सकता है। इसके लिए सरकार द्वारा प्रत्येक माह की नौ तारीख को पीएचसी स्तर पर मुफ्त एएनसी जांच की व्यवस्था की गई है। ताकि प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की अनावश्यक शारीरिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े और सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिल सके।
 
- जननी बाल सुरक्षा योजना के मिलते हैं आर्थिक लाभ

सदर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान ने बताया कि जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी दोनों प्रकार की गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने के बाद अलग-अलग प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।  इसमें ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1400 रुपयेएवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये दिया जाता है। इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों पर संदर्भित करने के लिए आशा कार्यकर्ता को भी प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है ।  इसमें प्रति प्रसव ग्रामीण क्षेत्रों में 600 रुपये एवं शहरी क्षेत्रों के लिए 400 रुपये दिया जाता है । इस योजना के तहत संस्थागत प्रसव पर आम लोगों के बीच जागरूकता बढ़ रही है।