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जन जागरूकता के साथ-साथ चल रहा रात्रि रक्त पट संग्रह कार्य

जन जागरूकता के साथ-साथ चल रहा रात्रि रक्त पट संग्रह कार्य
Ramnath Vidrohi
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जन जागरूकता के साथ-साथ चल रहा रात्रि रक्त पट संग्रह कार्य

- रात्रि रक्त पट संग्रह में जनप्रतिनिधियों ने निभाई अग्रिम भूमिका 
- कई प्रखंडों में रात्रि रक्त पट संग्रह का कार्य हुआ सम्पन्न 
- जीविका की डीपीएम ने भी कराई रक्त की जाँच 
-10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम होगा शुरु

मोतिहारी, 11 जनवरी 
फाइलेरिया के मरीजों की खोज को लेकर जन जागरूकता के साथ-साथ रात्रि रक्त पट संग्रह का कार्य भी जिले में चल रहा है। इसमें स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा जनप्रतिनिधि भी अग्रिम भूमिका निभा रहे हैं। मोतिहारी सदर प्रखंड क्षेत्र के मधुबनी घाट साईट पर कल रात्रि 10 बजे तक निर्धारित 300 लोगों के रक्त की जाँच की गयी। यहाँ लोगों को घर-घर जाकर आशा किरण देवी ने बुलाकर रक्त जाँच करवाया। इस मौके पर डीपीएम जीविका गणेश पासवान, एच. आर. सौरभ कुमार, पीसीआई के डीसी मनोज कुमार ने भी नाईट ब्लड सर्वे में अपना-अपना रक्त जाँच करवाया। डीपीएम जीविका गणेश पासवान ने कहा कि फाइलेरिया (हाथी पाँव) ऐसा गंभीर रोग है जिसका इलाज नहीं है। इसके लक्षण प्रकट होने में कई साल लग जाते हैं। इसलिए इसकी जांच बेहद जरूरी है ताकि फाइलेरिया परजीवी की पहचान समय से हो सके। मधुबनी घाट वार्ड नंबर-1 के मुखिया होरिलाल सहनी ने रात्रि रक्त पट संग्रह करवाने में अग्रिम भूमिका निभाई। उन्होंने भी लोगों को घरों से बुलाकर और मोबाइल से कॉल कर रक्त पट संग्रह कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया। उन्होंने मौजूद आमजनों से 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान दवा खाने की अपील की।

कई प्रखंडों में रात्रि रक्त पट संग्रह का कार्य हुआ सम्पन्न:
 
जिले के मधुबनी घाट, चिरैया, चकिया, हरसिद्धि, सुगौली व अन्य प्रखंडों के सेंटिनल साईट पर रक्त जाँच का कार्य पूरा हो चुका है। भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार, रविंद्र कुमार ने बताया कि अब एलटी द्वारा माइक्रोस्कोपी का कार्य किया जा रहा है। एक प्रतिशत या इससे अधिक फाइलेरिया पॉजिटिव दर होने पर उन स्थानों पर सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाएगा।

गर्भवती महिलाएं नहीं करेंगी दवा का सेवन:

डीभीडीसीओ डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि अभियान के अंतर्गत डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की गोलियां लोगों की दी जाएगी। उन्होंने बताया कि 2 से 5 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। वहीं 6 से 14 वर्ष की आयु तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली तथा 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। अल्बेंडाजोल का सेवन चबाकर किया जाना है। लेकिन गर्भवती महिलाएं, 2 साल से कम उम्र के बच्चें एवम गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति सर्वजन दवा का सेवन नहीं करेंगे।