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आशा को प्रत्येक माह एक बंध्याकरण का लक्ष्य, निम्न परफोरमेंस पर होगी कार्रवाई

आशा को प्रत्येक माह एक बंध्याकरण का लक्ष्य, निम्न परफोरमेंस पर होगी कार्रवाई
Ramnath Vidrohi
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आशा को प्रत्येक माह एक बंध्याकरण का लक्ष्य, निम्न परफोरमेंस पर होगी कार्रवाई

-बीसीएम करेंगे कार्य की मॉनिटरिंग

-शिशु एवं मातृ मृत्युदर को कम करने में होगा मददगार

मुजफ्फरपुर। 22 नवंबर

समाहरणालय सभागार में मंगलवार को स्वास्थय विभाग के पदाधिकारियों के साथ  समीक्षा बैठक हुई। बैठक में जिला पदाधिकारी श्री प्रणव कुमार ने कहा कि शिशु एवं मातृ मृत्युदर के लिए परिवार नियोजन पर हमें ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा परिवार नियोजन के अस्था,यी उपायों के अलावा स्थायी उपायों, जैसे नसबंदी और बंध्याकरण पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने 10 दिसम्बर से पूर्व प्राथमिक तथा अन्य स्वास्थय केन्द्रों पर एएनएम की उपस्थिति/प्रतिनियुक्ति को लेकर सिविल सर्जन को उनका रेशनलाइजेशन करने का निदेश दिया। बेहतर स्वास्थय सुविधा उपलब्ध कराने की  दिशा में युवतियों एवं महिलाओं के बीच नियमित रूप से फोलिक एसिड और आयरन टैबलेट वितरित करने का निर्देश  दिया गया। इसकी कमी रहने पर पहले से ही जिला मुख्यालय से अधियाचना करने का भी निर्देश  दिया ।

एक बंध्यारकरण जरूरी:

जिला पदाधिकारी प्रणव कुमार ने आशा कार्यकर्ता को महादलित टोलों में सर्वे कर परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने का भी निर्देश  दिया। उन्होंने न्यूनतम एक बंध्याकरण प्रति माह का लक्ष्य दिया। बीसीएम को आशा के इस कार्य की  मॉनिटरिंग करने का भी निर्देश  जिलाधिकारी ने दिया।

एएनसी में कमी पर नाराजगी:

संस्थागत प्रसव और चौथे एएनसी में कमी रहने पर जिला पदाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की। जिले में चौथे  एएनसी होने के बाद 50 फीसदी से कम संस्थागत प्रसव होना कमतर प्रगति का सूचक है। एम्बुलेंस परिचालन में कमी और आशा कार्यकर्ता द्वारा अपने कर्त्तव्यों से विमुख होना इसके चिन्हित कारण हो सकते हैं । जिला पदाधिकारी ने उक्त दोनों बिन्दु पर अनुश्रवण करने साथ ही साथ गड़बड़ी करने वालों पर सशक्त कार्रवाई करने का निदेश दिया। तदनुसार 15 दिनों का मानदेय कटौती का भी निर्देश  दिया गया। आशा बीसीएम, एएनएम के साथ सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी इस संबंध में बैठक कर निर्देश  भी देगें।
महिलाओं की  हीमोग्लोबिन जाँच नियमित रूप से होनी चाहिए। इसके लिए आवश्यक जाँच- किट और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। परिवार नियोजन कार्यक्रम में आशा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । आशा को और अधिक सक्रिय होकर काम करने की आवश्यकता है। कम से कम एक बंध्याकरण प्रति माह का लक्ष्य 01 आशा कार्यकर्ता को दिया गया। बैठक में सिविल सर्जन श्री उमेश चन्द्र शर्मा, एसीएमओ, डीआईओ, डीएस, डीपीएम एवं जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी सहित सभी चिकित्सा पदाधिकारी उपस्थित थे।